पहले बदायूं फिर बहराइच और अब मुरादाबाद. दो हफ़्तों के अंदर महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की एक ही जैसी घटनाएं और एक ही राज्य में.


मुरादाबाद ज़िले के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक लड़की का शव पेड़ से लटका मिला.मुरादाबाद पुलिस के अनुसार बुधवार रात दस बजे तक ये लड़की अपने घर में थी और अगली सुबह सात बजे उसका शव एक पेड़ से लटका मिला था.उसके माता पिता का कहना है कि लड़की की हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया, लेकिन  पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार लड़की के साथ बलात्कार नहीं हुआ.पुलिस ने बताया कि वो इस बात की जांच भी कर रही है कि कहीं ये इज़्ज़त के नाम पर की गई हत्या का मामला तो नहीं है.इज़्ज़त के नाम पर हत्या हो या बलात्कार, उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह ज़रूर लग गया है.उत्तर प्रदेश में पिछले दो हफ़्तों में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं की कड़ी में मुरादाबाद का मामला भी शामिल हो गया है.


बदायूं में दो चचेरी बहनों की कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर उनके शव को पेड़ पर लटका दिया गया था.सरकार पर दबाव

लेकिन हक़ीक़त ये भी है कि केवल उत्तर प्रदेश सरकार को ही अकेले आड़े हाथों लेना उचित नहीं होगा. दिल्ली में गुरुवार को एक लड़की ने बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने तीन युवाओं को हिरासत में ले लिया है.तमिलनाडु से भी दो बच्चियों के बलात्कार की ख़बर है. अगर आप पिछले दो साल का रिकॉर्ड देखें तो महिलाओं के ख़िलाफ़ देशभर में बलात्कार और हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.पिछले साल  बलात्कार को रोकने के लिए एक सख्त क़ानून बनाया गया लेकिन इससे महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में कमी नहीं आई है.हाँ, इतना ज़रूर हुआ है कि इस क़ानून के लागू होने के बाद महिलाएं अपने ख़िलाफ़ अपराध की शिकायत ज़्यादा दर्ज करा रही हैं.कुछ लोगों का कहना है पश्चिमी सभ्यता के असर से लड़कियों के ख़िलाफ़ अपराध में इज़ाफ़ा हुआ है जबकि दूसरे लोग कहते हैं कि स्कूलों में यौन शिक्षा के कारण समाज में अपराध बढ़ा है और जिसकी लपेट में महिलाएं ख़ासतौर से आई हैं.लेकिन जो बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहीं वो इस मामले की सबसे सही समीक्षा मालूम होती है.उन्होंने कहा कि महिलाओं की इज़्ज़त करनी चाहिए. ज़ाहिर है, अगर भारत में महिलाओं के प्रति इज़्ज़त बढ़ी तो उनके ख़िलाफ़ अपराध में कमी आएगी.इसके लिए पुरुषों की मानसिकता में बदलाव ज़रूरी है.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari