आधुनिकता की दौड़ में भवन को सुन्दर रूप देने के लिए वास्तु के सिद्धान्तों की अनदेखी कर दी जाती है। इस कारण से उस घर में रहने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।


घर में रहने स्त्रियां घर के वास्तुदोषों की वजह से विभिन्न बीमारियों से ग्रसित रहती हैं।इस लिए 'पहला सुख काया'  के लिए ऐसा करने से बचें। ऐसे वास्तु दोष हैं तो सही करना ही हितकर होगा। जिस घर के आगे का भाग टूटा, प्लास्टर उखड़ा, दरार, टूटी-फूटी या खराब दीवार हो तो उस घर की मालकिन का स्वास्थ खराब रहता है। मानसिक अशान्ति रहेगी, अप्रशन्न तथा उदास रहेंगे।इस वजह से हो सकती है लाइलाज बीमारीआपके नैर्ऋत्य कोण, दक्षिण नैर्ऋत्य नीचा हो, भूमिगत पानी का टैंक कुंआ बोरवेल सैप्टिक टैंक हो तो महिला सदस्य अक्सर रोगों से पीड़ित रहेगी।उन्हें मृत्यु भय हो सकता है। आपका उत्तर ईशान ऊंचा हो नैर्ऋत्य वसयब्य नीचे की ओर हो तो घर की स्त्री को लाइलाज बीमारी आकस्मिक मृत्यु की आशंका प्रबल, अनिद्रा आज्ञात भय हो सकता है।घर की मालकिन को हो सकती है आर्थिक कठिनाई
आपके उत्तर ईशान और पूर्व से नैर्ऋत्य एवं पश्चिम नीचा हो तथा आग्नेय दक्षिण और वायव्य नीचे हो तो जबरदस्त आर्थिक संकट, घर का मालिक कर्ज से परेशान, पुत्री और पत्नी लंबी बीमारियों से पीड़ित हो सकती हैं। आपके उत्तर या ईशान दिशा की लंबाई घंटे और उत्तरी हद तक निर्माण किया गाया हो तो मालकिन को शारीरिक अथवा आर्थिक कठिनाईयों से परेशान हो कर परेशानी भरा जीवन व्यतीत करेंगे।-ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पांडेय

Posted By: Vandana Sharma