लिंग परिवर्तन के लिए महिला सिपाही को महाराष्ट्र सरकार की अनुमति का इंतजार
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस मामले को सुलझाया जाएगा
मुंबई (प्रेट्र)। महाराष्ट्र के बीड जिले की 29 वर्षीय महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे ने हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने सरकार से अपने लिंग परिवर्तन की प्रकिया के लिए अनुमति मांगी है। इस अनोखी मांग के बाद से ललिता साल्वे को अब ललित नाम से भी पुकारा जाता है। ऐसे में इस पूरे मामले में ललिता साल्वे का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जब अपनीबात बताई थी तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस मामले को सुलझाया जाएगा।
लिंग परिवर्तन के बाद बड़ा सवाल ललिता को किस कैटेगरी में रखा जाएगा
महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ललिता साल्वे मानती हैं कि उन्हें पूरा यकीन है कि उन्हें सरकार की ओर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। बतादें कि ललिता साल्वे ने बीते साल पुलिस विभाग से अपना लिंग परिवर्तन कराने के लिए छुट्टी मांगी थी जिससे कि वह ऑपरेशन के बाद आराम कर सकें। उनकी इस मांग को जानकर पुलिस विभाग हैरान हो गया था क्योंकि इसके बाद यह बड़ा सवाल होगा कि ललिता साल्वे को इस कैटेगरी में रखा जाएगा। पुलिस विभाग में पुरुषों और महिलाओं में ऊंचाई और वजन जैसे पात्रता मानदंड अलग-अलग हैं।
शल्य चिकित्सा के लिए उन्हें कम से कम एक महीने की लीव की जरूरत
ऐसे में जब उन्हें यहां से परमीशन नहीं मिली तो ललिता साल्वे ने मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी याचिका में मांग की थी कि न्यायालय महाराष्ट्र डीजीपी को सर्जरी के लिए छुट्टी देने के निर्देश दें। हालांकि इस मामले को न्यायालय ने महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण में ले जाने के लिए कहा क्योंकि यह प्रशासनिक सेवा से जुड़ा है। ललिता साल्वे का कहना है कि वह बस छुट्टी लेकर इस शल्य चिकित्सा को सफल बनाना चाहती हैं। इसके बाद वह एक पुरुष कांस्टेबल की तरह काम करना चाहती हैं।
4 साल पहले ललिता को अपने शरीर में कुछ खास बदलाव महसूस हुए
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह मामला दुर्लभ है। ऐसे में सरकार काफी सोच-समझकर निर्णय लेगी। वहीं ललिता के चाचा अर्जुन उजागारे का कहना है कि उन्हें राज्य सरकार के फैसले का इंतजार है। लिंग परिवर्तन के बाद वह पुरुष सिपाही के रूप में काम करेंगी। साल्वे ने अपनी याचिका में जिक्र किया है कि उनका जन्म जून 1988 में हुआ है। करीब 4 साल पहले उन्हें अपने शरीर में कुछ खास बदलाव महसूस हुए। इस दौरान उनका मेडिकल चेकअप हुआ। इसमें साफ हुआ कि उनमें वाई क्रोमोजोम्स मौजूद हैं।
जांच में पाया था कि ललिता जेंडर डाइस्फ़ोरिया एब्नॉरमैलिटी से पीड़ित
विज्ञान के मुताबिक पुरुषों में एक्स और वाई क्रोमोजोम्स और महिलाओं में दो एक्स क्रोमोजोम्स होते हैं। इस मामले के सामने आने के बाद ललिता साल्वे ने जे जे अस्पताल के मनोचिकित्सकों के साथ विचार-विमर्श किया। बतादें कि डॉक्टरों ने जांच में पाया था कि ललिता जेंडर डाइस्फ़ोरिया एब्नॉरमैलिटी है। इसके बाद उसे सर्जरी कराने की सलाह दी। ऐसे में ललिता ने सबसे पहले खुद को दिल और दिमाग दोनों से तैयार किया। इसके बाद उसने सर्जरी के लिए एक महीने की मेडिकल लीव के लिए पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया था।