अगले सप्‍ताह में नेपाल में दक्षेस वार्ता होनी है जिसमें भारत और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शांति वार्ता करेंगे लेकिन दक्षेस सम्‍मेलन से ठीक पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है कि वह शांति वार्ता से पहले कश्‍मीरी अलगाववादियों को विश्‍वास में लेने उनसे बातचीत करेंगे. शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर मुद्दे के समाधान पर वार्ता शुरू करने के लिए भारत पर दबाव बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए कहा है.


बहुत त्याग कर रहा है पाकिस्तान
नवाब शरीफ ने पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में कश्मीर परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह हमारा अटूट  विश्वास है कि कश्मीर मुद्दा बातचीत के जरिए हल होना चाहिए. मेरी सरकार ने भारत के साथ वार्ता शुरू की, लेकिन उन्होंने विदेश सचिवों के बीच प्रस्तावित वार्ता रद्द कर दी. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत शुरू करने से पहले, मैंने कश्मीरी नेताओं के साथ विचार विमर्श करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित द्वारा कश्मीरी अलगाववादियों से बातचीत करने पर भारत ने 25 अगस्त को पाकिस्तान के साथ प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी. नवाज ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने कश्मीर मुद्दे के संबंध में हमेशा अपनी पारंपरिक हठ दिखाया है. उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के संघर्ष को आंतकवाद बताना भारत का गलत रुख है, क्योंकि यह आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष है. शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ जंग में बहुत 'त्याग' कर रहा है.

गोलीबारी ने विश्वास बहाली उपायों को हानि पहुंचाया


शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से हाल में भारतीय सैनिकों द्वारा बिना उकसावे के की गई गोलीबारी का कड़ा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत की गोलीबारी ने विश्वास बहाल करने के उपायों को नुकसान पहुंचाया. शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित हर मंच पर कश्मीर के मुद्दे को सक्रियता से उठा रही है. उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर चिंता जताई और उनसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों तथा कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं के अनुसार समस्या के हल की दिशा में पहल करने का अनुरोध किया.

Posted By: Satyendra Kumar Singh