वास्तु के अनुसार घर और कार्यस्थल का होना क्यों हैं जरूरी? ये है जवाब
आज हमारी जीवनशैली जैसे भी है, हमारे दैनिक कार्यों को करने का तरीका चाहे जैसा भी है, अक्सर देखने में आता है कि शांत रूप से चलता जीवन अचानक ही एक नया रूप ले लेता है, जैसे अचानक ही जीवन में कष्टों का आना शुरू हो जाता है। परिवार के किसी भी सदस्य पर बुरा असर उसके स्वास्थ्य पर आने लगता है। कार्यक्षेत्र में आर्थिक नुकसान होता है या बने हुए कार्यों में अचानक रुकावट आने लगती है।
हमारे अपने मित्रजनों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की सोच हमारे प्रति नकारात्मक भाव लाने लगती है और यदि ऐसा लगातार ही हो रहा हो तो हमें सजग हो जाना चाहिए कि कहीं जाने-अनजाने घर में तो कहीं, कोई परिवर्तन नहीं किए गए हैं? जो हमारे घर के लिए, परिवार के सदस्यों के लिए वास्तु अनुकूल नहीं है, जिससे हमारे घर के वास्तु वेव्स (तरंगें) डिस्टर्ब हो गई हैं। हमारा ध्यान इस तरफ तो जाता ही नहीं है कि घर में किए हुए हमारे परिवर्तन भी हमारे लिए ऐसी स्थिति बना सकते हैं। क्योंकि यदि जीवन में ऐसा एक लंबे समय से चल रहा है, तो यह एक कारण हो सकता है।
कई बार हमारे साथ ऐसा भी होता है कि जब हम किसी एक घर से दूसरे घर में शिफ्ट करते हैं या फिर घर हमारा अपना हो या किराए का और हमारे जीवन में बहुत भारी उथल-पुथल का सामना अपने रिश्तों और कार्य क्षेत्र में आर्थिक नुकसान के रूप में करना पड़ता है। क्योंकि सोचते तो हम सभी हैं। हर व्यक्ति अपने अच्छे के लिए ही है पर क्या पता कि उस नये घर की वास्तु वेव्स हमारे लिए अनुकूल है या नहीं?
तब और भी ज्यादा आवश्यक हो जाता है कि हम इन वास्तु वेव्स के प्रति सजग हो जाएं और इसे सुधार कर जीवन में मिलने वाले नकारात्मक परिणामों को सकारात्मक परिणामों में बदल सकें। क्योंकि 'Vastu’ को उलटा पढ़ें तो होता है 'Utsav’। यदि हमारे घर का, ऑफिस की वास्तु वेव्स शुभ है तो जीवन में एक उत्सव है। हम स्वयं का प्रकृति के साथ जुड़ाव महसूस करते हैं। और वह दिखता भी है हमें अपने रिश्तों में, स्वभाव में। इन वास्तु वेव्स की सजगता से हमें अपने जीवन में दैनिक आवश्यकताओं के पूर्ति के लिए परेशानियां नहीं आती हैं।वास्तु टिप्स: जानें किस दिशा का फ्लोर किस रंग का होना चाहिए? ऐसा करने से बढ़ती है पॉजिटिव एनर्जीएक कमरे के घर के लिए अपनाएं ये आसान उपाय, वास्तु दोष होगा दूर, कमरा दिखेगा बड़ा