दिन पर दिन बढ़ रहे प्रदूषण का असर हर ओर दिखने लगा है। समुद्री जीवन भी प्रदूषण की इस मार से अछूता नहीं है। समुद्री जीवन को बचाने के लिये कुछ लोगों ने अनोखी पहल की है। समुद्री जीवन को बचाने के लिये इसे पहले भी कई बार अपील की जा चुकी है।

पांच सीईओ ने की पानी के अंदर मीटिंग
अरब सागर के अंदर मीटिंग करने वाले सीईओ में राजा गोपाल अय्यर उदय समुद्र ग्रुप्स ऑफ होटेल्स, हेमा मेनन यूएसटी ग्लोबल, दिनेश पी थंपी टीसीएस, डॉ. श्याम कुमार नियोलॉजिक्स और रॉनी थॉमस एवन मोबिलिटी सॉल्युशंज शामिल थे। समुद्री जीवन को बचाने के लिए उनकी अगली योजना एक क्लब बनाने की है। इसका नाम बीच ऐंड मरीन इन्वाइरनमेंट प्रोटेक्शन क्लब हो सकता है। इस क्लब के माध्यम से दक्षिण भारत के समुद्र तटीय इलाकों में बने होटेल्स और रिजॉर्ट्स समुद्री मलबे को कम करने के लिए एक अजेंडा तय करेंगे। वह नियमित रूप से बीच और पानी के अंदर की सफाई कराएंगे।

मीटिंग का नाम ओशन लव रखा गया
ओशन लव नाम की बैठक का उद्देश्य समुद्री जीवन की रक्षा करना था। बैठक में ग्लोबल वॉर्मिंग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। सभी ने प्रण किया कि समंदर को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। जिसमें यह पांचो कम्पनियां पूरी मदद करेंगी। एक रिपोर्ट की माने तो मुंबई, केरल और अंडमान निकोबार के पास समंदर दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं। शहरों द्वारा फेंकी जा रही प्लास्टिक और गंदगी समंदर में जाने से पानी प्रदूषित हो रहा है। विश्व इकॉनोमिक फोरम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि समुद्र में प्रत्येक वर्ष 12.7 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा फेंका जा रहा है। वर्ष 2050 में समुद्र में मछलियों से अधिक प्लास्टिक कचरा पाया जायेगा।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra