अमरीकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जनरल ने विश्व बैंक के हवाले से कहा है कि जिन देशों से भारत को सबसे ज़्यादा विदेशी मुद्रा भेजी जाती है उनमें पाकिस्तान चौथे स्थान पर है।


विश्व बैंक के अनुसार पिछले साल पाकिस्तान से लगभग पांच अरब डॉलर भारत भेजे गए। अख़बार के अनुसार दोनों देशों के बीच विदेशी मुद्रा के सीधे आदान-प्रदान पर प्रतिबंधों के कारण यह ताज्जुब की बात है।विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक़ हर साल संयुक्त अरब अमीरात से 13 अरब 20 करोड़ डॉलर भारत जाते हैं, जबकि अमरीका से साढ़े 11 अरब डॉलर और सऊदी अरब से 11 अरब डॉलर भारत को मिलते हैं।इस तरह भारत के लिए पाकिस्तान विदेशी मुद्रा प्राप्त करने का चौथा बड़ा माध्यम बन जाता है। यह बात और भी आश्चर्यजनक इसलिए है क्योंकि विश्व बैंक का कहना है कि यह कोई असामान्य बात नहीं है और पाकिस्तान से भारत विदेशी मुद्रा हर साल भेजी जाती है और यह बढ़ रही है।


उदाहरण के लिए सिटीग्रुप बैंक के ज़रिए इटली से मुंबई भेजने जाने वाला पैसा रिकॉर्ड में अमेरिका से भारत स्थानांतरित होता हुआ दिखेगा क्योंकि सिटीग्रुप का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।हर साल भारत भेजे जाने वाले 72 अरब डॉलर का स्रोत खोजना संभव नहीं है और विश्व बैंक के अनुसार इस बारे में जानकारी के आधार पर अनुमान ही लगाए जा सकते हैं।

विश्व बैंक ने एक प्रणाली विकसित कर ली है जिसके तहत किसी देश में प्रवासियों के मूल देश, उनकी औसत आय और जीवन स्तर को सामने रखकर इस बारे में अनुमान लगाए जाते हैं।पाकिस्तान में 14 लाख लोग ऐसे हैं जो भारत में पैदा हुए। हालांकि ये वो पारंपरिक भारतीय नागरिक नहीं हैं जो विदेशों में बसे हैं। यह भारत के विभाजन के बाद बचे-खुचे लोग हैं जिन्होंने विभाजन के समय एक देश से दूसरे देश में जाने का फ़ैसला किया या हिंसा के आधार पर देश छोड़ने को मजबूर हुए।विश्व बैंक का कहना है कि इस राशि का बड़ा हिस्सा वही लोग भेज रहे हैं जिनके परिवार दोनों देशों में बँट गए हैं।बैंक के अनुसार भारत से भी लगभग दो अरब डॉलर वार्षिक पाकिस्तान भेजे जाते हैं क्योंकि भारत में 11 लाख ऐसे लोग हैं, जो पाकिस्तान में पैदा हुए।

Posted By: Satyendra Kumar Singh