जी हां जैविक मानवविज्ञानियों की रिसर्च पर विश्‍वास करें तो प्‍यार तो एक कैमिकल लोचा यानि दिमाग में होने वाला हारमोनिक उतार चढ्राव है ही लेकिन जब हम प्‍यार में धोखा करते हैं तो ये भी एक ऐसी ही प्रक्रिया है।

ऐसे होता है प्यार
इस विषय पर रिसर्च करने वालों ने बताया कि उन्होंने कुछ लोगों के सामने उनके प्रेमी या प्रेमिका बिठा कर दिमाग को स्कैन किया तो पाया कि जब भी लोगों के सामने ये तस्वीर आती उनके दिमाग का खास हिस्सा जाग्रत हो जाता और उनके अंदर अपने प्यार के पास आने की जबरदस्त इच्छा जाग जाती। ये कुछ वैसा ही है जैसा नशा करने पर उस ड्रग को देखते ही आपके दिमाग के हिस्से में उसे पाने की अनियंत्रित चाहत उभर आती है। इससे यह प्रूव हुआ कि प्यार कोई भावना नहीं बल्कि एक डिराइव है। और ये सिर्फ सेक्स से जुड़ी नहीं है। इसके साथ दो और दिमाग के हिस्से काम करते हैं यानि प्रेम कुल तीन हिस्सों को प्रभवित करता है। सेक्स डिराइव, रोमांटिक लव और लगाव। 

फिर क्यों होता है धोखा
इस के बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अब चूंकि ये मानसिक प्रक्रिया है तो जाहिर है कि ये जरूरी बिलकुल नहीं है कि आप के साथ हमेशा ऐसा ही हो कि एक ही व्यक्ति के साथ आपके ब्रेन के तीनो हिस्से एक साथ जुड़े। यानि एक वक्त में आप एक से ज्यादा लोगों के लिए प्यार महसूस कर सकते हैं। जैसे एक आपका पार्टर हो जिसके साथ फिजिकली इन्वाल्व हैं, कोई दूसरा आपको रोमांटिक लग सकता है और किसी और से आप लगाव महसूस कर सकते है। अब नैतिकता के आधार पर ये धोखा है पर शोध कहता है कि ये एक मानसिक अवस्था है।  
बहरहाल ये तो रिसर्च है पर जो अल्टीमेट बात है कि बेशक केमिकल लोचा कह कर आप अपने बचाव का रास्ता ढूंढ सकते हैं पर सच ये है कि अपने दिल दिमाग को अपने नियंत्रण में रखना एक हेल्दी शख्स की पहचान है तो बेहतर होगा कि उनके कंट्रोल में आकर फंसने पहले आप अपना दिमाग खुद कंट्रोल कर लें।

 

Posted By: Molly Seth