क्यों केजरीवाल के आसपास ही घूम रही बीजेपी की राजनीति!
आपको एक रियल्टी शो की याद हरेगी जिसमें उनकी एक कंटेस्ट चिल्लाती है "बाप पे मत जाना" और सामने वाला उसके इन एक्सप्रेशन से अंदर अंदर परेशान होता है पर ऊपर से दिखाता है कि उसे कोई परवाह नहीं उसने कुछ गलत नहीं किया. ऐसा ही कुछ इन दिनों बीजेपी के साथ भी हो गया है उसने आप के कंन्वेयर अरविंद केजरीवाल लगातार अपने प्रमोशंस में मेन टारगेट बना रखा था और उन पर इन डायरेक्ट और पर्सनल सटायर करने में पार्टी जुटी हुई थी. अपने खास स्टाइल में केजरीवाल उन पर रिएक्ट भी करते रहे. बीजेपी ने पोस्टर्स में पर्सनल अटैक्स और कमेंटस को लेकर अरविंद के खिलाफ कई बार कंप्लेन भी की. लेकिन इस बार लगता है कि दांव उल्टा पड़ गया और अब भले ही भाजपा उुपर से बहादुरी दिखा रही है पर अंदर खाने कुछ घबराहट साफ पता चल रही है.
एक बार फिर दिल्ली के अखबारों में केजरीवाल पर हमला करते हुए बीजेपी का एक एड छपा, जिसमें केजरीवाल के बारे में जो कुछ लिखा गया है उस पर कंट्रोवर्सी क्रिएट हो गयी है. इस एड में बीजेपी ने केजरीवाल को उपद्रवी गोत्र का बता दिया. वैसे तो उनके अराजकता वाले स्टेटमेंट को भी लेकर अटैक किया गया है. लेकिन मौका मिलते ही उपद्रवी गोत्र वाले स्टेटमेंट को लेकर अरविंद ने स्ट्रांग रिएक्शन देते हुए भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है. केजरीवाल ने एड को कम्युनल अटैक करार दिया है और खुद को अग्रवाल समाज का बताते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अग्रवाल समाज को ही उपद्रवी गोत्र करार दिया है. केजरीवाल ने इसे बीजेपी की हद बताया है.
भाजपा को क्या हो गया है? पहले उन्होंने मेरे बच्चों पर निशाना साधा। मैं चुप रहा। अन्ना जी कहते हैं कि अपमान पीने की क्षमता होनी चाहिए।(1/6)— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal)पहले दिल्ली अखबारों में बीजेपी ने केजरीवाल पर पर्सनल अटैक करते हुए उनके बच्चों को टारगेट किया फिर पिछले साल 26 जनवरी पर केजरीवाल के धरने को लेकर एक कार्टून विज्ञापन छपा इस एड में रिपब्लिक डे के मौके पर इंडिया आए अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा और पीएम नरेंद्र मोदी को भी दिखाया गया है. इसके बाद इस सीरीज में थर्ड एड उपद्रवी गोत्र वाला आया है.
उपद्रवी गोत्र वाले एड पर अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार ट्विटर पर जवाब दिया है. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा है, ''भाजपा को क्या हो गया है? पहले उन्होंने मेरे बच्चों पर निशाना साधा. मैं चुप रहा. अन्ना जी कहते हैं कि अपमान पीने की क्षमता होनी चाहिए. मैने समाज सेवा में निजी अपमान पर कभी प्रतिक्रिया नहीं की. लेकिन आज तो भाजपा ने अपने इश्तिहार में हद ही कर दी.''