हवाई जहाज सफेद ही क्यों होते हैं? वजह हैं इतनी सारी, जो हमने भी नहीं सोची थीं
गर्मी और अधिक तापमान से बचाव
एरोप्लेन को सफेद रखने के पीछे यह एक इंपॉर्टेंट वजह है कि सफेद रंग सूरज की रोशनी का बहुत बेहतरीन रिफ्लेक्टर होता है। काले या किसी अन्य गहरे रंग की तरह सफेद रंग सूरज की रोशनी और उसकी गर्मी को सोखता नहीं बल्कि पूरी तरह से रिफ्लेक्ट कर देता है। ऐसा ही लॉजिक गर्मियों में सफेद कपड़े पहनने के बारे में भी दिया जाता है, जो वैज्ञानिक तौर पर बिल्कुल सही है। अगर प्लेन का रंग गहरे रंग का हो तो यह सनलाइट और उसकी गर्मी को शोख लेगा, जिसकी वजह से एरोप्लेन की मशीनरी पर नेगेटिव असर पड़ सकता है। एरोप्लेन में कोई भी क्रैक या खामी को ढूंढना आसानहवाई जहाजों का सफेद रंग में किया जाना इसलिए भी फायदेमंद है कि इसके कारण एरोप्लेन की बॉडी में आए किसी भी तरह के क्रैक, डेंट या उसके बाहरी सरफेस में किसी भी तरह का डैमेज आसानी से देखा जा सकता है। हवाई जहाज की बॉडी में कोई भी मामूली सा क्रैक भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि एरोप्लेन का हर एक क्रैक पहली नजर में साफ साफ दिख जाए और ऐसा सफेद रंग के मामले में ही हो सकता है।
धूप सर्दी और बारिश में इतनी ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों में अगर कोई भी रंगीन कलर पेंट किया जाए तो वह बहुत जल्दी फेड यानी कि धुंधला पड़ जाता है। किसी भी विमान को हर तरह के वातावरण में उड़ना होता है ऐसे में व्हाइट कलर का विमान ज्यादा दिन तक बिल्कुल वैसा ही बना रहता है जैसा कि नए विमान का लुक होता है।
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