Hardeep Singh Nijjar : भारत और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की माैत मामले में इन दिनों तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है। आइए यहां जानें हरदीप सिंह निज्जर कौन था और क्यों दोनों देशों में बढ़ा तनाव...


नई दिल्ली (रॉयटर्स)। Hardeep Singh Nijjar : जून में कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या ने ओटावा और नई दिल्ली के बीच नए राजनयिक तनाव पैदा कर दिया है। कनाडा ने कहा है कि उसे हत्या में भारत की संलिप्तता का संदेह है और भारत ने आरोपों को बेतुका बताया है। नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र संघर्ष प्रबंधन संस्थान के खालिस्तान चरमपंथ मॉनिटर के अनुसार, हरदीप सिंह निज्जर का जन्म 1977 में भारत के उत्तरी राज्य पंजाब के जालंधर जिले में हुआ था और वह 1997 में कनाडा चले गए, जहां उन्होंने प्लंबर के रूप में काम किया। भारत की आतंकवाद विरोधी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, वह शुरू में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) सिख अलगाववादी समूह से जुड़ा था। नई दिल्ली ने बीकेआई को "आतंकवादी संगठन" के रूप में लिस्ट किया है और कहा है कि इसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) जासूसी एजेंसी द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। हालांकि इस्लामाबाद इस आरोप से इनकार करता है।खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख बना2020 के भारत सरकार के बयान के अनुसार, हरदीप सिंह निज्जर बाद में आतंकवादी समूह खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख बन गया और इसके सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और वित्तपोषण में सक्रिय रूप से शामिल था।
वह आतंकवादी के रूप में कैटेगराइज हुआनई दिल्ली ने आधिकारिक तौर पर उसी बयान में उसे आतंकवादी के रूप में कैटेगराइज किया, और कहा कि वह देश में देशद्रोही और विद्रोही हरकतों को बढ़ावा देने और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने का प्रयास करने में शामिल था।गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का प्रमुख चुना गया खालिस्तान के तथाकथित स्वतंत्र सिख राज्य की मांग करने वाले समर्थकों के लिए, निज्जर एक प्रमुख नेता और इस मुद्दे के लिए एक मजबूत आवाज था। - उन्हें वैंकूवर उपनगर, जहां वे रहते थे, सरे में एक सिख पूजा स्थल, गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का प्रमुख चुना गया था। मृत्यु के समय वह उस पद पर था।गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई निज्जर की 18 जून की शाम को उसी गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद सैकड़ों लोगों ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, और आरोप लगाया कि उसकी मौत में विदेशी हाथ शामिल थे, उस समय स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट दी थी।

Posted By: Shweta Mishra