Coronavirus Impact: जब से भारत समेत दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा और खौफ पैदा हुआ है तब से तमाम लोग हर वक्‍त फेस मास्‍क लगाए नजर आते है। वैसे क्या आप जानते हैं कि Face Mask कब और किसको पहनना चाहिए साथ ही क्‍या इसे पहनने से कोरोना का खत्‍म हो जाता है। ऐसे ही कई महत्‍वपूर्ण सवालों के पुख्‍ता जवाब दिए हैं वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन और एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर्स ने।


लंदन (रायटर) कोरोना वायरस के खतरे के बीच एशिया के तमाम देशो में आजकल तमाम लोग बीमारी से खुद को बचाने या फिर यूं ही ट्राई करने के लिए फेस मास्‍क लगा रहे हैं। हालांकि अमेरिका और यूरोप में Face Mask का ज्‍यादा लोग इस्‍तेमाल नहीं कर रहे। फिर भी बहुत सारे लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौरान क्‍या उन्‍हें फेस मास्‍क पहनना चाहिए। इसको लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन यानि WHO ने कुछ बातें साफ तौर पर बताई हैं। आगे पढें...

Coronavirus Do and Don'ts: विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह है कि अगर आप स्वस्थ हैं, तो आपको सिर्फ इन दो हालात में फेस मास्‍क लगाना चाहिए -

1: अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, जो COVID -19 संक्रमित हो या फिर इस महामारी का संदिग्ध मरीज हो।

2: अगर आपको खांसी या छींक आ रही है, या आपको संदेह है कि आपको Coronavirus हो सकता है।

Face Mask का मुख्‍य काम क्‍या है

कोई भी फेस मास्क खांसने, छींकने और सांस के द्वारा चारों ओर छितर जाने वाली बूंदों को बाहर गिरने और फैलने से रोकता है। बता दें कि खांसी, छींक और सांस ही कोरोनोवायरस के फैलने का सबसे बड़ा कारण हैं।

फेस मास्‍क लगाने का फायदा मिलेगा तभी, जब करेंगे ये काम

- WHO के मुताबिक कोरोना जैसी बीमारी के बारे में फेस मास्क तभी प्रभावी होते हैं जब आप उन्हें पहनने के साथ ही बार-बार हाथ धोएं और यह सुनिश्चित करें कि अपना चेहरा आपको नहीं छूना है।

- मास्क का उपयोग करने वाले व्‍यक्ति को इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि मास्‍क पहनने से पहले उसने साबुन और पानी से अच्‍छी तरह हाथ धोए हों, या फिर अल्कोहल-आधारित सेनिटाइजर से अच्छी तरह हाथ साफ किए हों।

- जितना पॉसिबल हो, अपने मास्क और चेहरे को छूने से बचें।

- फेस मास्‍क ऐसा हो जिससे आपके मुंह और नाक पूरी तरह कवर हो जाएं। साथ ही आपके चेहरे और मास्क के बीच कोई गैप नहीं होना चाहिए।

- जब फेस मास्‍क नमी युक्‍त या गीला हो जाए, तो एक नए मास्‍क से उसे बदल लें। ध्‍यान रहे सिंगल यूज मास्‍क को बार बार इस्‍तेमाल न किया जाए।

- मास्‍क लगाने का एक फायदा यह भी होता है कि इसे लगाने वाले व्‍यक्ति को याद बना रहता है कि उसे अपना चेहरा नहीं छूना है। ऐसे में बिना सफाई के गंदे हाथ बार-बार चेहरे पर लगाने की आदत में भी कमी आती है और संक्रमण का खतरा कम होता है।

मुख्‍य मास्‍क कौन-कौन से हैं

1: फेस मास्‍क के दो मुख्य प्रकार हैं: पहला सर्जिकल मास्क, जो नाक और मुंह पर पहने जाने के लिए कपड़े के स्ट्रिप्स से बनाए जाते हैं। नाक और मुंह पर इनकी फिटिंग औसत स्‍तर की होती हैं। इन्‍हें आमतौर पर श्वास संबधी यानि Respirators मास्‍क कहा जाता है।

2: क्लोज-फिटिंग मास्क - जैसे एन 95 बेहतर सुरक्षा का दावा करते हैं। लेकिन मरीज की संक्रामक बूंदों के खिलाफ पूरी सुरक्षा नहीं देते हैं। जबकि

3: N99- रेटेड मास्क, यह फेस मास्‍क एन95 से अपर लेवल का है और बेहतर सुरक्षा दे सकता है, लेकिन यह मास्‍क लगाकर कुछ लोगों को सांस लेने में मुश्किल होती है।

फेस मास्‍क में क्‍या होती है N Rating

बता दें कि फेस मास्‍क के मामले में N रेटिंग उससे पार न हो सकने वाले कणों और जीवाणओं के बारे में बताती है। यानि इस तरह डिजाइन किए मास्‍क कम से कम 0.3 माइक्रोन व्यास वाले कणों को रोकने में सक्षम होते हैं। अब एन के साथ जोड़ा गया प्रतिशत बताता है कि सुरक्षा का स्‍तर क्‍या है, यानि कणों और जीवाणओं को रोकने में एन 95 मास्क 95% और एन 99 मास्क 99% तक सफल होते हैं।

- कुछ मास्क ऐसे होते हैं, जिनमें सामने की तरफ एक वाल्व होता है, जो सांस में छोड़ी गई नमी को वहीं रोक लेते हैं। हालांकि इस कारण मास्‍क के भीतर गीलेपन का स्‍तर बढ़ जाता है, जो बाहर से आने वाले वायरस को मुंह या नाक में जाने का आसान रास्‍ता दे सकता है।

Posted By: Chandramohan Mishra