कौन होगा पाकिस्तानी तालिबान का अगला नेता?
इस बार बैठक का समय और स्थान पूरी तरह गुप्त रखा जा रहा है क्योंकि यह इलाक़ा जितना तालिबान लड़ाकों के लिए जाना जाता है उतना ही अमरीकी चालक-रहित ड्रोन विमानों के हमलों के लिए.पिछले तीन दिनों से टीटीपी के नेता मीरानशाह शहर की किसी अज्ञात इमारत में और इस इलाक़े की कई अन्य जगहों पर अमरीकी हमले में मारे गए अपने नेता हकीमुल्लाह महसूद को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.हकीमुल्लाह के मारे जाने पर पाकिस्तान सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस घटना के अगले दिन से ही टीटीपी के साथ उनकी शांति-वार्ता शुरू होने वाली थी.पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने कहा कि इस ड्रोन हमले ने पाकिस्तान में शांति बहाली की सभी संभावनाओं की "हत्या" कर दी है.पाकिस्तान पर दोष
तालिबान और उनके कट्टरपंथी समर्थक इस घटना के लिए पाकिस्तान को दोष दे रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान ने हकीमुल्लाह के सिर पर चार लाख सत्तर हज़ार डॉलर यानी लगभग दो करोड़ नब्बे लाख रुपए का इनाम रखा था. इन लोगों का मानना है कि हकीमुल्लाह के मारे जाने में पाकिस्तान और अमरीका की मिलीभगत थी.
लेकिन मई में एक ड्रोन हमले में वलीउर रहमान की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी ख़ान सईद सजना को समूह का नेता चुन लिया गया था. सजना टीटीपी के नए नेता बनने के वो एक प्रमुख दावेदार है.लेकिन हकीमुल्लाह महसूद के समर्थकों से उन्हें कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है.महसूद क़बीले के अंदर की टकराहटों से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार नया नेता महसूद क़बीले से बाहर का हो सकता है.स्वात के कमांडर मुल्ला फ़ज़लुल्लाह, मोहमंद क़बीले के कमांडर उमर ख़ालिद या ओरकज़ई क़बीले के कमांडर हाफ़िज़ सईद इस पद के अन्य प्रमुख दावेदार हैं.लेकिन वज़ीरिस्तान की अंदुरुनी क़बीलाई राजनीति और इस्लामी चरमपंथियों के लिए एक पनाहगाह की हैसियत से इस जगह के महत्व को समझने वालों का मानना है कि ग़ैर-स्थानीय कमांडर शायद ही महसूद क़बीले के लड़ाकों का सम्मान पा सके. टीटीपी में महसूद क़बीले के लड़ाकों की भारी संख्या है.पाकिस्तानी सरकार के लिए मौजूदा स्थिति हर हालत में फ़ायदा की बात होगी.अगर महसूद क़बीले से बाहर का कोई व्यक्ति अगर टीटीपी का नेता चुना जाता है तो इससे टीटीपी में फूट पड़ सकती है जिसके कारण पाकिस्तानी ख़ुफ़िया अधिकारियों को टीटीपी में अपनी पकड़ बनाने का मौक़ा मिल सकता है.
लेकिन अगर महसूद क़बीले के किसी कमांडर को टीटीपी का नेता चुना जाता है तो बहुत संभव है कि वो पाकिस्तान के संग शांती-वार्ता बहाल करने के समर्थक धड़े से हो.शांति-वार्ता का विरोध
बहुत से लोग मानते हैं कि टीटीपी के पूर्व प्रमुख बैतुल्लाह महसूद पर अमरीका ने पाकिस्तानी अधिकारियों के बार-बार शिकायत करने के बाद ही हमला किया था.उस समय पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना था कि उनके द्वारा बार-बार बैतुल्लाह के ठिकाने की सटीक सूचना दिए जाने के बाद भी अमरीकी उन पर हमला करने से बच रहे हैं.