ऐसी रिसर्च सामने आयी हैं जिनसे पता चला है कि यदि व्‍हाइट ब्रेड और पास्‍ता चीजों का इस्‍तेमाल अधिक किया जाए तो ब्‍लड शूगर घटने से डिप्रेशन जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं खास कर महिलाओं को।

मत खाइए व्हाइट ब्रेड और चावल
हाल में ही सामने आयी एक रिसर्च की मानें तो व्हाइट ब्रेड और चावल के खाने से बड़ी उम्र की महिलाओं को डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। लेकिन अगर आप साबुत अनाज, चोकर और सब्जियों से भरपूर भेजन करें तो इसके असर को घटाया जा सकता है। इसी तरह रिफाइंड खाद्य से ब्लड शुगर लेबल घट जाता है। इसे इंसुलिन की मदद से कंट्रोल किया जाता है पर उससे डिप्रेशन बढ़ने के चांसेज होते हैं इसलिए इनसे बचें वही बेहतर है।  
लगभग हर 100 में से तीन को होता है डिप्रेशन
एक अमेरिकन जनरल क्लीनिकल न्यूट्रीशन में छपी रिर्पोटस की मानें तो ब्रिटेन में किए गए सर्वे में पाया गया कि खाने के चलते हर 100 में से तीन लोगों को डिप्रेशन का शिकार पाया गया। शोधकर्ता कहते हैं कि इसे रोकने का एक ही तरीका है पर्याप्त न्यूट्रीशन लेना। ये स्टडी बताती है मासिक धर्म का सिलसिला खत्म कर चुकीं करीब 70000 महिलाओं में रिफाइंड कार्बोहाड्रेड के साथ डिप्रेशन के लक्षण पाए गए। 

घटता ब्लड शुगर बढ़ता डिप्रेशन
अध्ययन में बताया गया कि रिफाइंड काब्रोहाइड्रेड जैसे व्हाइट ब्रेड और व्हाइट राइस के प्रभाव से आपके शरीर हारमोनल परिर्वतन होते हें और ब्लड शुगर का स्तर घट जाता है। इसका नतीजा मूड स्विंग्स और थकान जैसे डिप्रेशन के विभिन्न रूपों में सामने आता है खास कर महिलाओं में इसकी संभावना सबसे ज्यादा है।
आपके रिफाइंड खाद्यों और ब्लड शुगर का सीधा कनेक्शन है इसलिए बेहतर होगा कि इससे बचने का प्रयास करें। डाइट्री फाइबर से भरपूर खाना, साबुत अनाज और सब्जियों का सेवन आपको सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं। हां ताजे फल, (फलों का रस या बाजार में मिलने वाले फ्रूट जूस नहीं) भी आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। वैसे अब वैज्ञानिक ये जानने के प्रयास में लगे हें कि कम उम्र की महिलाओ और पुरुषों में भी क्या ये समस्या पायी जाती है।

 

Posted By: Molly Seth