भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इस समय हालत बेहद नाजुक है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। अटल जी ने भारत-पाक रिश्तों को मजबूत बनाने की काफी कोशिश की थी। उनका कहना था कि 'हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं' यही वजह थी कि साल 2004 में वाजपेयी ने भारतीय क्रिकेट टीम को एक संदेश देकर पाकिस्तान खेलने जाने दिया था।


कानपुर। भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध आज भले ही न हों मगर एक वक्त ऐसा था जब दोनों देश एक-दूसरे के घर जाकर क्रिकेट मैच खेला करते थे। यही नहीं दर्शकों को भी इनके बीच की भिड़ंत देखने में मजा आता है। क्रिकेट मैदान पर दोनों टीमें एक-दूसरे की चिर-प्रतिद्वंदी मानी जाती हैं। खैर राजनीति के चलते इनके बीच द्विपक्षीय सीरीज अब भले ही बंद हो मगर साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में टीम इंडिया ने बेहद चर्चित पाकिस्तान दौरा किया था। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट टीम ने 1997 में पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेला था मगर दो साल बाद 1999 हुए कारगिल वार के चलते इनके बीच खेल बंद हो गया। फिर 7 साल तक दोनों टीमें एक-दूसरे के घर जाकर मैच नहीं खेलीं। खेल ही नहीं दिल भी जीतिए


साल 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट टीम पांच वनडे और तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने पाकिस्तान जा रही थी। उस वक्त टीम इंडिया की कमान सौरव गांगुली के हाथों में थी। भारत के लिए यह सीरीज काफी अहम थी। यह बात अटल जी को भी मालूम थी ऐसे में उन्होंने गांगुली एंड टीम को अपने पास बुलाया और उन्हें एक बल्ला गिफ्ट किया। इस बल्ले पर अटल जी ने एक संदेश लिखा जिसकी चर्चा खूब हुई। इसमें लिखा था, 'खेल ही नहीं दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं।' दरअसल वाजपेयी जी यह दर्शाना चाह रहे थे कि उनके देश की भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान में खूब प्यार मिले और दोनों देशों के बीच जो कड़वाहट है वह कम हो सके। जीतकर आई थी भारतीय टीमयह सीरीज 11 अप्रैल 2004 से शुरु होनी थी मगर देश में इसका काफी विरोध हुआ। सीरीज रद करने की मांग तक उठने लगी थी लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान पहुंची और वहां पूरी सीरीज खेलकर आए। खुशी की बात यह थी कि भारत ने वनडे में 3-2 से पाकिस्तान को हराया वहीं टेस्ट में 2-1 से जीत दर्ज की। इस ऐतिहासिक दौरे में टेस्ट सीरीज में भारत की ओर से वीरेंद्र सहवाग ने सर्वाधिक रन बनाए थे। सहवाग ने कुल 438 रन ठोके थे, वहीं अनिल कुंबले ने सर्वाधिक 15 विकेट लिए थे। मुल्तान में हुए पहले टेस्ट मैच में सहवाग ने 309 रन की पारी खेली थी, जिसके बाद सहवाग को 'मुल्तान का सुल्तान' नाम से जाने जाना लगा।

कानपुर में एक ही क्लास में पढ़ा करते थे अटल बिहारी वाजपेयी व उनके पिता

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari