वाइबर टैंगो और व्हाट्सएप जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर काम करना अब ईरान के लोगों को भारी पड़ सकता है. अपमानजनक संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए ईरान की न्‍यायपालिका ने संचार मंत्री को इन सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं. जानकारी के अनुसार ईरान के महाधिवक्ता गुलाम-हुसैन मोहसेनी एजेई ने मंत्री से संदेश भेजने वाली ऐसी सेवाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की. इससे संबंधित आदेश ईरान की न्यायपालिका प्रमुख अयातोल्ला सादेक अमोली लारीजानी ने भी जारी किए हैं.

'कुछ मैसेज विदेशी सरकार के भेजे हुए भी'
गुलाम-हुसैन ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री महमूद वाएजी को पत्र भेज कर यह अनुरोध किया. पत्र में लिखा गया है कि सोशल साइट की वजह से इस्लाम और नैतिक मूल्यों के खिलाफ अश्लील व आपराधिक मैसेजेस सामने आ रहे हैं. गुलाम हुसैन ने यह भी लिखा कि कुछ मैसेज का प्रसार विदेशी सरकार ईरान की व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के लिए कर रही हैं.
न्यायपालिका ने चेताया संचार मंत्री को
उन्होंने मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहे तो न्यायपालिका खुद आवश्यक कार्रवाई करेगी. ईरान ने तीन दिसंबर 2006 को वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट यूट्यूब पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध बाद में हटा दिया गया था, लेकिन 2009 में राष्ट्रपति चुनाव के बाद फिर लगा दिया गया. 2012 में ईरान ने 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' फिल्म के ट्रेलर के जारी होने पर यूट्यूब के साथ-साथ गूगल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

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Posted By: Ruchi D Sharma