SOPA में कहा गया है कि रिकॉर्डिग कंपनियां टी़वी़ और फिल्म कंपनियां पब्लिशिंग हाउससेस और दूसरे कॉपीराइट होल्डर राइट्स का वायलेशन करने वाली वेबसाइटों को बिना कोर्ट जाए बंद करा सकेंगे. यहां तक कि उनके आनलाइन ट्रान्जिक्शन्श को भी बन्द करने के नियमों को भी बिल में रखा गया है. गूगल और याहू जैसे तमाम सर्च इंजन्स को भी अपनी सर्च से इन बैन की गई वेबसाइट्स को हटाना होगा.


इंटरनेट की दुनिया में मचे बवाल और दुनिया की लाइब्रेरी कही जाने वाली विकीपीडिया की एक दिन की हड़ताल के बाद कई लोग पूछ रहे हैं कि सोपा आखिर है क्या? दोस्तों क्या आप जानते हैं कि सोपा का विरोध सारी दुनिया में क्यूं हो रहा है? नहीं? आइये जाने क्या है सोपा- Meaning: सोपा का मतलब है ‘स्टॉप ऑनलाइन पाइरेसी एक्ट’.History: यूनाइटेड स्टेट्स में म्यूजिक, फिल्म बिजनेस और पब्लिशिंग फर्म इस बात से काफी परेशान हैं कि उनका कॉपीराइट प्रोडक्ट दूसरे चोरी कर अपनी वेबसाइट पर यूज कर लाखों डालर कमा लेते हैं और इससे उन फर्म्स को फायदा नहीं होता जिन्होने वाकई इस प्रोडक्ट को बनाया होता है.   इसे एक तरह की चोरी ही माना जाता है पर चोरी के ग्लोबल होने की वजह से इस पर लगाम लगाना आसान नहीं होता है.


फारेन वेबसाइट्स कंटेंट की खुलेआम चोरी करती हैं पर उनके सर्वर दूसरे देशों में होने की वजह से उनपर किसी भी तरह का लीगल एक्शन नहीं लिया जा सकता है.

इस चोरी को रोकने के लिये कुछ समय पहले अमेरिकी कांग्रेस ने ‘प्रोटेक्ट आई पी एक्ट’ भी पेश किया था जो कि बाद में पारित नहीं हुआ. अक्टूबर में हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के चेयरमैन लैमर स्मिथ ने इस बिल को पेश किया. सरकार इस बिल को पारित कराने के लिये काफी इंट्रेस्टेड नजर आ रही है पर इंटरनेट यूजर्स और खुद फेसबुक, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट  जैसी इंटरनेट और साफ्टवेयर कंपनियां भी इसके खिलाफ खड़ी हो गई हैं. सोपा के बारे में सरकार का कहना है कि इसे पाजिटिव परपज से लाया गया है पर कंपनियों और इंटरनेट यूजर्स की मानें तो इस बिल में कई सारी खामियों के चलते उन्हें बेवजह की परेशानी झेलनी पड़ सकती है.  क्या है कान्ट्रोवर्सीइस बिल में कहा गया है कि रिकॉर्डिग कंपनियां, टी़वी़ और फिल्म कंपनियां, पब्लिशिंग हाउससेस और दूसरे कॉपीराइट होल्डर राइट्स का वायलेशन करने वाली वेबसाइटों को बिना कोर्ट जाए बंद करा सकेंगे. यहां तक कि उनके आनलाइन ट्रान्जिक्शन्श को भी बन्द करने के नियमों को भी बिल में रखा गया है. गूगल और याहू जैसे तमाम सर्च इंजन्स को भी अपनी सर्च से इन बैन की गई वेबसाइट्स को हटाना होगा.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे चोरी करने वाले लोगों पर तो लगाम जरूर लगेगी पर वे कंपनियां भी परेशान होंगी जो कि कानूनी तौर पर काम कर रही हैं. सोपा के नियमों के मुताबिक सारी जिम्मेदारी होस्ट वेबसाइट की होगी. मतलब यह कि अगर आपने कोई चोरी का कंटेंट अपने फेसबुक पेज पर डाला तो इसके लिये फेसबुक को भी कानूनी तौर पर जिम्मेदार बनाया जाएगा. इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई जा रही है कि किसी को बिना नोटिस दिये कंटेंट कैसे हटाया जा सकता है. भारी भरकम विरोधसोपा पर नियंत्रण का विरोध दुनिया भर में किया जा रहा है. फेसबुक, ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने भी इसके विरोध में अपना पक्ष रखा है. विकीपीडिया ने सांकेतिक विरोध के लिये अपने इंग्लिश एडीशन को 24 घंटों के लिये बन्द कर दिया है. हालाकि गूगल ने इसपर अबतक साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है.

Posted By: Divyanshu Bhard