यहां मिल रहा है 13000 रुपये लीटर दूध और 900 रुपये का एक अंडा
1200 प्रतिशत तक बड़ सकती है महंगाईआई.एम.एफ. द्वारा जारी एक रिपोर्ट की माने तो वेनेजुएला में महंगाई 1200 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वेनेजुएला में जैसे ही दूध के ट्रक आते हैं या तो वे लूट लिए जाते हैं या फिर दूध लेने के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइन लग जाती है। रोजमर्रा की चीजें आम आदमी की पहुंच से बेहद दूर हो चुकी हैं। वेनेजुएला में 2 वर्ष से पड़े रहे सूखे के चलते कई बड़े जलाश्यों में पानी सूख गया है। जिसके चलते यहां बिजली सप्लाई पूरी तरह से रुक गई है। बिजली ना आने का सबसे बड़ा असर हॉस्पिटलों में देखने को मिल रहा है। कई मरीज डायलिसिस के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। इसके अलावा दवाइयां खत्म हो गई हैं।हजारों रूपये में मिल रहा है दूध और अंडा
वेनेजुएला में एक लीटर दूध की कीमत अब 13,000 रुपए से अधिक हो गई है जबकि एक दर्जन अंडों का भाव 10,000 रुपए से अधिक है। जिसके हिसाब से यहां एक अंडा 900 रुपए में आता है। एक किलो आटे की कीमत 1350 रुपए पर पहुंच गई है। क्रूड ऑयल आयात करने वाले और विश्व को 6 मिस वर्ल्ड 7 मिस यूनिवर्स 6 मिस इंटरनेशनल और 2 मिस अर्थ जैसे खिताब लेने वाले दिलकश हसीनाओं के देश वेनेजुएला अब भुखमरी और गरीबी के कगार पर खड़ा है। अर्थव्यवस्था में आई भारी गिरावटक्रूड ऑयल रिजर्व और आयात करने वाले देश वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को डुबाने के पीछे कारण हैं जिससे कभी वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आया था। क्रूड कीमतों में गिरावट के साथ-साथ देश की आय में तेजी से गिरावट आने लगी। गिरावट आने से कम्पनियां कर्ज चुकाने में असमर्थ हो गईं और देश करंसी की वैल्यू घटने का सबसे ज्यादा असर महंगाई पर हुआ। इसके अलावा सरकार की खराब पॉलिसी के चलते देश में बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत से बढ़कर 17.44 प्रतिशत हो गई है। माना जा रहा है कि 2017 में यह 20 प्रतिशत हो सकती है।लाखों करोड़ के कर्ज में डूब चुका है वेनेजुएला
आई.एम.एफ. के मुताबिक वेनेजुएला पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। इस वर्ष में 47,000 करोड़ रुपए का कर्ज और चड़ा है। अगर एक वर्ष में क्रूड कीमतों में रिकवरी नहीं आती है तो स्थिति और भयावय हो जाएगी। अमरीकी देश वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मडुरो ने जून की शुरूआत में आर्थिक आपातकाल को 2 महीने और आगे बढ़ाने का फैसला किया है ताकि अर्थव्यवस्था को संकट से निकाला जा सके। आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित राष्ट्रपति के आदेश में कहा गया है कि इसका लक्ष्य अथक संग्राम में वेनेजुएला की रक्षा करना है।