इन बातों पर देंगे ध्यान तो नए साल का मुस्कान के साथ कर पाएंगे स्वागत
प्रतिवर्ष हम नए साल का स्वागत दूसरों को खुशी तथा संपन्नता की शुभकामना देकर करते हैं। संपन्नता का चिह्न क्या है? संपन्नता का चिह्न है मुक्ति, मुस्कान तथा जो कुछ भी अपने पास है उसे निर्भय होकर आस-पास के लोगों के साथ बांटने की मन:स्थिति। संपन्नता का चिह्न है, दृढ़ विश्वास कि जो भी मुझे चाहिए वह मुझे मिल जाएगा। 2019 का स्वागत अपनी आंतरिक मुस्कान के साथ करें।
कैलेंडर के पन्ने पलटने के साथ हम अपने मन के पन्नों को भी पलटते जाएं। प्राय: हमारी डायरी स्मृतियों से भरी हुई होती है। आप देखें कि आपके भविष्य के पन्ने बीती हुई घटनाओं से न भर जाएं। बीते हुए समय से कुछ सीखें, कुछ भूलें और आगे बढ़ें। आप लोभ, घृणा, द्वेष, तथा ऐसे अन्य सभी दोषों से मुक्त हों। यदि मन इन सभी नकरात्मकताओं में लिप्त है, तो वह खुश तथा शांत नहीं रह सकता। आप अपना जीवन आनंदपूर्वक नहीं बिता सकते।
आप देखें कि नकारात्मक भावनाएं भूतकाल की वजह से हैं और आप अपने भूतकाल को अपने वर्तमान जीवन के अनुभव को नष्ट न करने दें। भूतकाल को क्षमा कर दें। यदि आप अपने बीते हुए समय को क्षमा नहीं कर पाएंगे तो आपका भविष्य दु:खपूर्ण हो जाएगा। पिछले साल, जिनके साथ आपकी अनबन रही है, आने वाले साल उनके साथ सुलह कर लें। भूत को छोड़कर नया जीवन शुरु करने का संकल्प करें।
इस बार नववर्ष के आगमन पर हम इस पृथ्वी पर सभी के लिए शांति तथा संपन्नता के संकल्प के साथ सभी को शुभकामनाएं दें। हमें अपने चारों ओर व्याप्त ईश्वर का, उसके प्रकाश का अनुभव करना चाहिए। आपके मन में इसे अनुभव करने की इच्छा होनी चाहिए। क्या आपमें कभी यह इच्छा उत्पन्न हुई है कि आपको उच्चतम शांति प्राप्त हो? संपूर्ण विश्व ईश्वरीय प्रकाश से व्याप्त है। इसे तुम्हें स्वयं ही अनुभव करना होगा। ध्यान तथा सत्संग में कुछ समय बिताएं, ताकि आप में चुनौतियों का सामना करने की आंतरिक शक्ति विकसित हो।जीवन का उत्सव मनाओजब मन तनावमुक्त होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। जब मन, आकांक्षाओं, ज्वर तथा इच्छाओं जैसी चीजों से भरा हो, तब बुद्धि क्षीण हो जाती है और जब बुद्धि तथा ग्रहण क्षमता तीक्ष्ण नहीं होते, तो जीवन पूर्णत: अभिव्यक्त नहीं होता। नए विचार नहीं बहते तथा क्षमताएं दिनोंदिन लुप्त होने लगती हैं। इस समझ के साथ अपने कदम बाहर निकालो। यह कदम आपके जीवन की बहुत सी समस्याओं का समाधान कर देगा। सहज रहो, प्रेम पूर्ण रहो। आपने आपको सेवा में लगाओ।श्री श्री रविशंकर
अकेलेपन को कैसे दूर करें? क्या है स्वयं में रहने का आनन्द? जानें श्री श्री रविशंकर सेआप सुखी और प्रसन्न कैसे रह सकते हैं? जानें