तितली की कहानी से समझें जीवन में संघर्ष का महत्व, वर्ना हो जाएंगे 'अपंग'
इसलिए उस व्यक्ति ने निश्चय किया कि वो उस तितली की मदद करेगा। उसने एक कैंची उठाई और कोकून की छिद्र को इतना बड़ा कर दिया कि वो तितली आसानी से बाहर निकल सके। और यही हुआ, तितली बिना किसी संघर्ष के आसानी से बाहर निकल आई, पर उसका शरीर सूजा हुआ था और पंख सूखे हुए थे। वो व्यक्ति तितली को यह सोच कर देखता रहा कि वो किसी भी समय अपने पंख फैलाकर उड़ने लगेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। इसके उलट बेचारी तितली कभी उड़ ही नहीं पाई।
वो आदमी अपनी दया और जल्दबाजी में ये नहीं समझ पाया कि दरअसल कोकून से निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने इतना कठिन इसलिए बनाया है ताकि ऐसा करने से तितली के शरीर में मौजूद तरल उसके पंखों में पहुंच सके और वो छेद से बाहर निकलते ही उड़ सके।
बिना संघर्ष सब मिल जाए तो हम अपंग हो जाएंगेवास्तव में हमारे जीवन में संघर्ष ही वो चीज होती है, जिसकी हमें सचमुच आवश्यकता होती है। यदि हम बिना किसी संघर्ष के सबकुछ पाने लगे तो हम भी एक अपंग के समान हो जायेंगे। बिना परिश्रम और संघर्ष के हम कभी उतने मजबूत नहीं बन सकते, जितनी हमारी क्षमता है। इसलिए जीवन में आने वाले कठिन पलों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखिए, वो आपको कुछ ऐसा दे जाएंगे, जो आप वाकई डिजर्व करते हैं।काम की बात
1. हमारे जीवन में संघर्ष ही वो चीज होती है, जिसकी हमें सचमुच आवश्यकता होती है।2. बिना परिश्रम और संघर्ष के हम कभी उतने मजबूत नहीं बन सकते जितनी हमारी क्षमता है।सफलता के लिए ध्यान रखनी होगी यह एक काम की बात, इस घटना से जानें
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