सऊदी अरब में नदी या झरने नहीं फिर भी खूब मिलता है पानी
3 मिलियन क्यूबिक मीटर पोटेबल पानी हर रोज मिलता है
देश में पानी का दूसरा अहम स्रोत समुद्र है। समुद्री पानी को पीने लायक बनाने की प्रक्रिया को डीसेलीनेशन कहते हैं। सऊदी अरब दुनिया में डीसेलीनेटेड वाटर का सबसे बड़ा स्रोत है। सेलीन वाटर कनवर्जन कॉर्पोरेशन SWCC 27 डीसेलीनेशन स्टेशन को ऑपरेट करता है। इससे 3 मिलियन क्यूबिक मीटर पोटेबल वाटर हर दिन निकलता है। ये प्लांट शहरों में इस्तेमाल होने वाले 70 फीसदी जल को उपलब्ध कराते हैं। साथ ही इंडस्ट्रीज के इस्तेमाल लायक पानी भी उपलब्ध कराते हैं। इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन के भी ये अहम सोर्स हैं।
200 से भी ज्यादा बांध करते हैं पानी का संग्रह
डीसेलिनेटड अ-लवणीकृत पानी के सबसे अधिक उपयोगकर्ता सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन आदि हैं जो कि डीसेलिनेटड पानी का लगभग 70% हिस्सा उपयोग कर लेते हैं। जबकि उत्तरी अफ्रीका में लीबिया और अल्जीरिया यह खपत पूरे विश्व के उत्पादन की 6 प्रतिशत है। किसी जगह बाढ़ की सूरत में बांध पानी को संग्रहित करने के काम आते हैं। 200 से भी ज्यादा बांध 16 बिलियन क्यूबिक फीट जल का संग्रह सालाना करते हैं।
पानी रिसाइकल कर लाया जाता है प्रयोग में
सऊदी अरब में कुछ बेहद बड़े बांध वादी जिजान, वादी फतीमा, वादी बीशा और नजरान में स्थित हैं। इस पानी को कृषि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसे लंबी फैली नहरों के जरिए देश के कोने कोने में पहुंचाया जाता है। देश में पानी को रिसाइकल कर भी उसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। किंग्डम की कोशिश रहती है कि कम से कम शहरी इलाकों में घरेलू इस्तेमाल के 40 फीसदी पानी को रिसाइकल कर उपलब्ध कराया जाए। इसी कोशिश में रियाद, जेद्दाह और कई दूसरे बड़े इंडस्ट्रियल सेंटर्स में रिसाइकल प्लांट तैयार किए गए हैं। रिसाइकल पानी को सिंचाई और शहरी पार्कों में भी इस्तेमाल किया जाता है।