अगर कहें कि अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर जो हमला हुआ था वह किसी आतंकी संगठन ने नहीं बल्कि खुद अमेरिकी सरकार ने करवाया था तो आप कैसे रिएक्‍ट करेंगे. जी हां सारी दुनिया में ऐसे दावे करने वालों की कोई कमी नहीं है. एक नजर ऐसे ही दावों पर


ब्रिटिश न्यूज पेपर ‘द गार्जियन’ ने एक कंपाइल्ड रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें उसने 9/11 के मुद्दे पर दुनिया भर में फैली तमाम कान्ट्रोवर्सीज को कम्पाइल किया है. ये वे कान्ट्रोवर्सीज हैं जिनमें कई किताबों, फिल्मों और वेबसाइट के जरिए यह बात साबित करने की कोशिश की गई कि 9/11 का हमला अमेरिकी साजिश का नतीजा है. अमेरिकी भी हैं सहमत 2006 में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक हर तीन में एक अमेरिकी का मानना था कि 9/11 हमलों में बुश प्रशासन का हाथ था. अमेरिका प्रशासन ने इसे इराक के खिलाफ युद्ध को सही ठहराने या फिर इस तरह की जंग अफगानिस्ता न में भी शुरू करने के लिए अंजाम दिया. इन कान्ट्रोवर्सीज ने इतना जोर पकड़ा कि 2009 में अमेरिकी गवर्नमेंट को एक डाक्यूमेंट जारी कर इस पर सफाई तक देनी पड़ गई. 


एक प्रोफेसर जिन्होने लिखी हैं 9 किताबें

थियोलॉजी के प्रोफेसर डेविड गिफिन ने तो 9/11 हमलों पर अब तक कुल 9 किताबें लिख डाली हैं. इसमें गिफिन का लाजिक है कि मिडिल ईस्ट में अपनी कार्यवाही को सही ठहराने के लिए अमेरिकी सरकार ने ऐसी साजिश रची थीं. अरब वर्ल्ड में तो यह थेअरी बेहद मशहूर है कि अमेरिकी सरकार ने हमलों का दोष मुस्लिम टेररिस्ट पर मढ़ दिया. वहां कुछ लोग इसके लिए इजराइल को भी जिम्मेदार ठहराते हैं. कई सारे हैं logic 1. The Eleventh Day: The Full Story of 9/11 and Osama bin Laden के को-आथर रॉबिन का लाजिक है कि बिल्डिंग का इस तरह गिरना केवल तभी पासिबल था जब टावरों को नियंत्रित तरीके से गिराया जाता.  उनका मानना था कि इस साजिश में न सिर्फ सेना और एफबीआई बल्कि एयरलाइंस और राहत बचाव दल के लोग भी शामिल थे. वैसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के कई सीनियर आफीसर, एक्स सोल्जर्स और प्रोफेसर्स भी यही मानते हैं कि इस इंसीडेंट के पीछे सरकार का ही हाथ था.   2. इस इंसीडेंट पर 9 किताबें लिखने वाले गिफिन का दावा है कि टावर पर हमला करने के लिए अपहृत विमानों पर सवार कुछ मुसाफिरों की आवाज टेक्नोलाजी के जरिये इस तरह सुनाई गई जैसे कि वो वाकई डरे हुए हैं. उनका लाजिक है कि जिस ऊंचाई पर प्लेन उड़ रहे थे वहां मोबाइल के टावर काम नहीं करते हैं. वैसे बारबरा और कुछ और के फोन प्लेन में सीट के पीछे लगे फोन से किए गए थे.

3. बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर स्टीवन जोंस का दावा है कि उनके पास इस बात के साइंटिफिक इविडेंस  हैं कि ट्विन टावरों को सोच समझ कर एक्सप्लोसिव्स का इस्तेमाल कर गिराया गया था और यह बुश प्रशासन की साजिश थी. जोन्स ने मौके पर मौजूद धूल और मलबे के सैंम्पल्स को एनलाइज कर ये दावे किये हैं. ये हैं super hit controversy ‘द गार्जियन’ के मुताबिक 9/11 पर जो किताब लिखी गई वो हिट हो गई, जो फिल्म बनी उसने जमकर कमाई की. यहां तक कि 9/11 की इंफार्मेशन सर्व करने वाली वेबसाइटें भी सुपरहिट रहीं. 9/11 पर फिल्मों में यह सवाल उठाया गया कि -- क्या  कोई प्लेन पेंटागन से टकराया था. ?- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की की बिल्डिंग क्यों  भरभरा कर गिर पड़ी?- क्या प्लेन से किए गए मुसाफिर के फोन कॉल्स फेक थे?इन सभी की थ्योरी यही कहती है कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुआ हमला अल कायदा की साजिश से कही ज्यादा जटिल मसला है. सच्चाई कुछ भी हो पर इन फिल्मों की लाखों डीवीडी बिकीं और दुनिया में इनने धूम मचा दी.

Compiled by: Alok Dixit

Posted By: Divyanshu Bhard