Was the 9/11 attack a US government conspiracy?
ब्रिटिश न्यूज पेपर ‘द गार्जियन’ ने एक कंपाइल्ड रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें उसने 9/11 के मुद्दे पर दुनिया भर में फैली तमाम कान्ट्रोवर्सीज को कम्पाइल किया है. ये वे कान्ट्रोवर्सीज हैं जिनमें कई किताबों, फिल्मों और वेबसाइट के जरिए यह बात साबित करने की कोशिश की गई कि 9/11 का हमला अमेरिकी साजिश का नतीजा है.
एक प्रोफेसर जिन्होने लिखी हैं 9 किताबें
थियोलॉजी के प्रोफेसर डेविड गिफिन ने तो 9/11 हमलों पर अब तक कुल 9 किताबें लिख डाली हैं. इसमें गिफिन का लाजिक है कि मिडिल ईस्ट में अपनी कार्यवाही को सही ठहराने के लिए अमेरिकी सरकार ने ऐसी साजिश रची थीं. अरब वर्ल्ड में तो यह थेअरी बेहद मशहूर है कि अमेरिकी सरकार ने हमलों का दोष मुस्लिम टेररिस्ट पर मढ़ दिया. वहां कुछ लोग इसके लिए इजराइल को भी जिम्मेदार ठहराते हैं. कई सारे हैं logic 1. The Eleventh Day: The Full Story of 9/11 and Osama bin Laden के को-आथर रॉबिन का लाजिक है कि बिल्डिंग का इस तरह गिरना केवल तभी पासिबल था जब टावरों को नियंत्रित तरीके से गिराया जाता. उनका मानना था कि इस साजिश में न सिर्फ सेना और एफबीआई बल्कि एयरलाइंस और राहत बचाव दल के लोग भी शामिल थे. वैसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के कई सीनियर आफीसर, एक्स सोल्जर्स और प्रोफेसर्स भी यही मानते हैं कि इस इंसीडेंट के पीछे सरकार का ही हाथ था. 2. इस इंसीडेंट पर 9 किताबें लिखने वाले गिफिन का दावा है कि टावर पर हमला करने के लिए अपहृत विमानों पर सवार कुछ मुसाफिरों की आवाज टेक्नोलाजी के जरिये इस तरह सुनाई गई जैसे कि वो वाकई डरे हुए हैं. उनका लाजिक है कि जिस ऊंचाई पर प्लेन उड़ रहे थे वहां मोबाइल के टावर काम नहीं करते हैं. वैसे बारबरा और कुछ और के फोन प्लेन में सीट के पीछे लगे फोन से किए गए थे.
3. बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर स्टीवन जोंस का दावा है कि उनके पास इस बात के साइंटिफिक इविडेंस हैं कि ट्विन टावरों को सोच समझ कर एक्सप्लोसिव्स का इस्तेमाल कर गिराया गया था और यह बुश प्रशासन की साजिश थी. जोन्स ने मौके पर मौजूद धूल और मलबे के सैंम्पल्स को एनलाइज कर ये दावे किये हैं.
Compiled by: Alok Dixit