16वीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी भाजपा को मिली जीत को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि भाजपा को सांप्रदायिक वोटों के कारण जीत मिली है.
कई लोगों का मानना है कि भाजपा ने कई राज्यों, ख़ासकर उत्तर प्रदेश और बिहार में वोटों का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराकर बहुसंख्यक हिन्दू जनता का वोट अपने पक्ष में कर लिया.यह सच है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में कथित ऊंची जातियों का वोट भाजपा को मिला, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दलितों के मतदान के रुख़ में भी एक निर्णायक परिवर्तन दिखा.लेकिन यह कहना उचित नहीं होगा कि जिन लोगों ने इस चुनाव में भाजपा को वोट दिया उन्होंने पार्टी की हिन्दुत्ववादी विचारधारा से प्रभावित होकर ऐसा किया.जो लोग ऐसा सोच रहे हैं वो 2014 के लोकसभा के चुनावों में भाजपा को मिले जनमत को शायद सही परिप्रेक्ष्य में नहीं देख पा रहे हैं.मिलेजुले कारण
चुनाव के बाद कराए गए सीएसडीएस के सर्वेक्षण से पता चलता है कि तक़रीबन आठ प्रतिशत मुस्लिमों ने भाजपा या उसके सहयोगी दलों को वोट दिया है. यह आंकड़ा 2009 में भाजपा एवं सहयोगियों को मिले मुस्लिम वोटों से लगभग दोगुना है.लेकिन इस आंकड़े से इस नतीजे पर पहुँचने की ज़ल्दी न करें कि इस चुनाव में मुसलमान बड़ी संख्या में भाजपा के पक्ष में आए हैं.
मुस्लिम पहले भी भाजपा को तक़रीबन इसी अनुपात में वोट देते रहे हैं. 1998, 1999 और 2004 को लोकसभा चुनावों में भी तक़रीबन सात-सात प्रतिशत वोट भाजपा एवं सहयोगी दलों को मिले थे.सीएसडीएस के सर्वेक्षण से स्पष्ट होता है कि इस चुनाव में भाजपा के विरोध में शायद ही कोई मामूली मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ होगा क्योंकि 2014 के चुनाव में भाजपा के मुस्लिम वोटों में थोड़ी बढ़ोतरी ही हुई है.
कांग्रेस को न नुकसान, न फ़ायदाहालांकि कांग्रेस उतने मुस्लिम वोट पाने में सफल रही जितने उसे 2009 में मिले थे लेकिन पार्टी को हर जगह एक समान वोट नहीं मिले हैं.मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड या हरियाणा जैसे राज्यों जहाँ कांग्रेस भाजपा से सीधे मुक़ाबले में थी, वहाँ कांग्रेस के पक्ष में मुस्लिम वोटों का ज़्यादा ध्रुवीकरण हुआ.लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य जहाँ कांग्रेस भाजपा को चुनौती देने की स्थिति में नहीं थी वहाँ मुस्लिम वोट सपा, बसपा या राजद जैसी क्षेत्रीय पार्टियों को मिला.कांग्रेस को सबसे ज़्यादा वोट आसाम में मिला लेकिन यहाँ भी एयूडीएफ़ जैसी पार्टी को अच्छी संख्या में मुस्लिम वोट मिले.पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मुस्लिम वोट राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को मिला. कांग्रेस पश्चिम बंगाल में भी कोई ख़ास मुस्लिम वोट नहीं पा सकी.
नौजवानों के वोटभाजपा को जो नए मुस्लिम वोट मिले हैं वो मूलतः उन क्षेत्रीय पार्टियों के वोट थे जिनका मुस्लिम जनाधार शायद खिसक गया है.जिन क्षेत्रीय पार्टियों ने अपना मुस्लिम जनाधार गंवाया है उनमें प्रमुख हैं उत्तर प्रदेश में बसपा और बिहार में जद-यू.लेकिन यह भी असामान्य परिवर्तन नहीं है क्योंकि इन दोनों पार्टियों ने अन्य जातियों में भी अपना जनाधार खोया है.क्षेत्रीय पार्टियों के मुस्लिम जनाधार के घटने से भारतीय जनता पार्टी को फ़ायदा हुआ.मझोले और छोटे क़स्बों में रहने वाले मुस्लिम युवाओं (18 से 22 साल के) के एक वर्ग ने भाजपा को वोट दिया. लेकिन दूसरी कई जातियों के साथ भी यही हुआ क्योंकि विभिन्न क्षेत्रीय पार्टियों ने विभिन्न जातीय समुदायों में अपना जनाधार खोया है.
Posted By: Abhishek Kumar Tiwari