मुझे सीक्वल या रीमेक से कोई परेशानी नहीं है बस आशा रहती है कि अगर एक फिल्‍म को बेस मानके दूसरी फिल्म बन ही रही है तो वो कम से कम पहली किश्त से कम न हो। कुछ साल पहले विश्वरूपम ने काफी बवाल मचाया था और उस वक्त इस फिल्‍म के काफी चर्चे थे। कैसी है इसकी दूसरी किश्त आइये बताते हैं।


कहानी :दुनिया पे फिर से खतरा और बचाने के लिए है वही रॉ टीम जो पिछली फिल्म में थी।

समीक्षा :
विश्वरूपम की तुलना मैं सबसे पहले बाहुबली से करना चाहता हूँ। दोनों की ही पहली फिल्म एक बढ़िया कहानी पे बेस्ड थी। दोनों में ही मेसेजिंग और एक्शन ज़बरदस्त था, और दोनों ही फिल्में बड़े CGI बजट के साथ बनी थी, अगर आपने बाहुबली न भी देखी हो तो भी आप बाहुबली 2 को आसानी से समझ सकते थे, हालांकि बाहुबली 1 की कहानी उसके दूसरे भाग में विस्तार से रिकैप नहीं कि गई। इसका पूरा श्रेय उम्दा राइटिंग को जाता था। विश्वरूपम 2 में ऐसा नहीं है, खूब समय लेकर पिछले हिस्से को याद दिलाया जाता है, दर्शकों को लिटेराली स्पूनफीड किया जाता है और असल कहानी के लिए बड़ा कम वक्त बचता है, ऊपर से इस किश्त के डायलॉग बड़े वीक हैं, इम्पैक्ट ही नहीं बन पाता। यही कारण है कि फिल्म एक ऐसी ट्यूब लाइट की तरह परेशान करती है, जिसका स्टार्टर शॉट हो गया हो। और भी बुरा इसलिए होता है कि फिल्म में किसी के पास कुछ भी नया कहने के लिए नहीं है। दूसरी बड़ी समस्या हैं इसके खराब vfx जो बड़ी जल्दबाजी में किये लगते हैं।

अदाकारी :यही वो डिपार्टमेंट है जिसको देख के आपके कुछ रुपए वसूल हो सकते हैं, अब जहां कमल हसन हों वहां इस डिपार्टमेंट की बुराई नहीं ही कि जा सकती, पर कहीं कहीं पर ऐसा ज़रूर लगता है कि स्टंट अब कमल जी पे पहले की तरह सूट नहीं करते। वास्तव में यह एक बोर फिल्म है, जिसके पास सीक्वल बनाने लायक मसाला नहीं था, फिर भी जबरन बनाया गया। फिल्म के सब्जेक्ट पे भी कोउ नयापन नहीं है, 3 तारीख को ही हमने इससे मिलते जुलते मुद्दे पर मुल्क जैसी अच्छी फिल्म देखी है। ये उस लिहाज़ से भी काफी वीक फिल्म है, अगर आप कमल हासन के फैन हैं, तो देखने जाएं ये फिल्म।

रेटिंग : 1- 1/2 STAR

Review By: Yohaaann BhargavaTwitter : @yohaannn

Posted By: Chandramohan Mishra