भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली पहली बार टेस्ट में नंबर वन बल्लेबाज बने हैं। विराट ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन कर टेस्ट में नंबर वन का मुकाम हासिल किया है। वैसे आपको बता दें कोहली के अलावा और भी भारतीय खिलाड़ी हैं जो टेस्ट में नंबर वन बल्लेबाज रह चुके हैं।


कानपुर। आइसीसी की ताजा रैंकिंग में विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ को पछाड़ टेस्ट में नंबर वन बल्लेबाज का स्थान हासिल कर लिया। कोहली अपने टेस्ट करियर में पहली बार रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर काबिज हुए हैं। ताजा रैंकिंग के अनुसार विराट के अब 934 अंक हो गए हैं। वहीं स्मिथ 929 अंक लेकर दूसरे स्थान पर पिछड़ गए हैं। भारत की तरफ से लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर टेस्ट में नंबर वन बल्लेबाज बनने वाले पहले खिलाड़ी थे। गावस्कर ने 1979 में यह मुकाम हासिल किया था। इसके अलावा दिलीप वेंगसरकर, राहुल द्रविड़, गौतम गंभीर, वीरेद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर यहां तक पहुंच चुके हैं। वैसे आपको बता दें दिलीप वेंगसरकर और विराट कोहली के बीच एक अजीब सा रिश्ता है।दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज


दिलीप वेंगसरकर 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। 1985 से 1987 के बीच, दिलीप वेंगसरकर ने टीम के लिए अच्छे खासे रन बनाए। पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वैस्टइंडीज और श्रीलंका के विरूद्ध कई शतक जमाए। इस रिकॉर्ड के दम पर वे कूपर्स और लेब्रांड रेटिंग में सबसे अच्छे बल्लेबाज बनने में भी सफल हुए। और उस वक्त वह एलन बार्डर और क्लाइव लॉयड से भी आगे थे।

अगर इंग्लैंड की तरफ से खेलते वेंगसरकर

दिलीप वेंगसरकर के अदंर जितनी प्रतिभा है, उन्हें उतनी पहचान नहीं मिली। कहा जाता है कि इंग्लिश खिलाड़ी डेविड गोवर अगर भारत में पैदा होते तो वह ज्यादा फेमस होते। वहीं दिलीप अगर इंग्लिश खिलाड़ी होते, तो वह और निखर कर आ जाते। खैर भारत में भी वेंगसरकर का काफी सम्मान हुआ है। वह भारतीय टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। साल 1987 वर्ल्ड कप के बाद कपिल देव की जगह वेंगसरकर को कप्तानी सौंपी गई थी।कोहली को टीम में यही लाए थे
साल 1992 में क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वेंगसरकर ने प्रशासनिक पदों की जिम्मेदारी भी निभाई। पहले वह मुंबई क्रिकेट एसोशिएशन के वाइस प्रेसीडेंट बने। बाद में उन्हें साल 2006 में बीसीसीआई ने सेलेक्टर कमेटी का चेयरमैन बना दिया। हालांकि इस दौरान उनका कार्यकाल थोड़ा विवादित रहा था। यह विवाद भारत के मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली को लेकर था। वेंगसरकर ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था। साल 2008 में जब कोहली को टीम में लाने की बात चली तो उस पर काफी विवाद हुआ। वेंगसरकर उस वक्त खिलाड़ियों का चयन किया करते थे। उन्होंने विराट को अंडर-19 वर्ल्ड कप 2008 में खेलते देखा था और वह काफी प्रभावित भी हुए। उसी साल भारतीय टीम श्रीलंका दौरे पर जा रही थी। उस टीम में सचिन तेंदुलकर नहीं थे, ऐसे में एक बल्लेबाज को उनकी जगह खिलाना था। तब वेंगसरकर ने कोहली के नाम का सुझाव दिया। मगर तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी और कोच गैरी कर्स्टन कोहली की जगह एस बद्रीनाथ को टीम में रखना चाहते थे।वेंगसरकर को गंवानी पड़ी थी कुर्सीतमाम वाद-विवाद के बाद आखिरकार वेंगसरकर ने विराट को भारतीय टीम में शामिल कर लिया। यह बात एन श्रीनिवासन को रास नहीं आई। इसके बाद श्रीनिवासन ने तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार से इसकी शिकायत कर दी। इसके अगले ही दिन वेंगसरकर को चयन समिति के चेयरमैन पद से हटा दिया गया, लेकिन उन्होंने विराट कोहली को टीम में चुन लिया था।विराट कोहली ही नहीं ये 6 भारतीय खिलाड़ी भी बन चुके हैं टेस्ट में नंबर 1 बल्लेबाजवो 4 भारतीय कप्तान जो कभी नहीं हारे टेस्ट मैच

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari