मोहाली में वर्ल्ड टी20 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलते हुए टीम इंडिया को सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के लिए आख़िरी के तीन ओवरों में 39 रन बनाने थे।


विराट कोहली चट्टान की भांति टिके हुए थे, 40 गेंद पर 50 रन बना चुके थे। लेकिन टीम इंडिया की मुश्किल आसान नहीं थी।ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने दो ओवरों में 13 रन देने वाले जेम्स फॉकनर को गेंद थमाई।18वें ओवर की पहली गेंद शार्ट पिच गेंद थी और कोहली ने फ्रंट फुट पर खेलते हुए गेंद को पुल कर दिया चार रन के लिए।दूसरी गेंद पर कोहली ने दिखाया कि ना केवल उनकी नज़रें तेज़ हैं बल्कि उनका दिमाग भी लगातार चलता रहता है।फॉकनर की ये गेंद ऑफ़ स्टंप पर लगभग यार्कर के अंदाज़ में टप्पा खा रही थी और कोहली ने अपने बल्ले का फेस खोलते हुए उसे कवर से बाउंड्री के पार भेज दिया।


तीसरी गेंद शॉर्ट लेंग्थ गेंद थी जिसे कोहली ने लाँग ऑफ़ पर छक्का के लिए उछाल दिया। 15 गेंदों पर अब टीम को 25 रनों की जरूरत थी।

इसी ओवर की आख़िरी गेंद पर कोहली ने बेहतरीन कवर ड्राइव से मैच को भारत की मुठ्ठी में कर दिया।अब भारत के सामने छह गेंदों पर महज चार बनाने की चुनौती थी, जिसे धोनी ने आसानी से पूरा कर दिया।

विराट कोहली ने अपनी 82 रन की नाबाद पारी में कुल 9 चौके और 2 छक्के लगाए। 18वें और 19वें ओवर में उनके लगाए गए छह चौक्के और एक छक्के ने ही टीम इंडिया को सेमीफ़ाइनल में पहुंचा दिया। उन्होंने ये रन महज 51 गेंदों में बनाए।मैच के बाद विराट कोहली ने कहा, "ये मेरे करियर की तीन सबसे बेहतरीन पारियों में शामिल है। अभी तो सबसे बेहतरीन पारी मान सकता हूं क्यों कि थोड़ा भावुक हो रहा हूं। "वैसे कोहली ने ये कारनामा कोई पहली बार नहीं दिखाया है। इसी टूर्नामेंट में कोलकाता में दबाव के पलों में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नाबाद 55 रन बनाकर उन्होंने टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।टी20 क्रिकेट में रनों का पीछा करते हुए वे सबसे कामयाब बल्लेबाज़ बन चुके हैं। कोहली के रहते हुए रनों का पीछा करते हुए भारत जिन 15 टी20 मुक़ाबलों में जीता है, उसमें कोहली ने 122 से ज्यादा की औसत से 737 रन बनाए हैं और 8 बार अर्धशतकीय पारी खेली है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh