बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण में हो रही अनियमितताओं को लेकर बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का विरोध अब हिंसा में तब्दील हो चुका है। इस हिंसा में लगभग 39 लोगों की मौत हो गई। आइये जानते हैं कि क्या है हिंसा का कारण...


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था है,इनमें से 30 प्रतिशत नौकरियां 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों के लिए रिजर्व है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार मेरिट के आधार पर नौकरियां नहीं दे रही है। बांग्लादेश में हो रहे इस पूरे प्रदर्शन के पीछे का कारण शेख हसीना सरकार की आरक्षण नीतियां हैं,जिनका छात्र पुरजोर विरोध कर रहे हैं।कैसे भड़की हिंसा


बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का गुस्सा हिंसा में बदल गया और उन्होंने जगह जगह पर तोड़-फोड़ और आगजनी करनी शुरू कर दी। इसका परिणाम ये हुआ कि हिंसा और ज्यादा भड़क गई। बढ़ती हुई हिंसा को देखते हुए सरकार ने ढाका आने जाने वाली रेल सेवाओं के साथ साथ मेट्रो रेल सेवा भी बंद कर दी है। यही नहीं ढाका मे लाठी और पत्थरों से लैस छात्र पुलिसवालों से भिड़ गए और इस भिड़ंत में 2500 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बढ़ती हुई हिंसा को रोकने के लिए प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने चटगांव में राजमार्ग को भी जाम कर दिया जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। चटगांव में राजमार्ग बाधित करने वाले छात्रों पर पुलिसबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हिंसा के बढ़ते हुए मामलों को देखकर प्रशासन को गुरूवार दोपहर से ढाका आने जाने वाली रेल के साथ साथ मेट्रो रेल सेवा को भी बंद करना पड़ा।क्या है बांग्लादेश में आरक्षण की व्यवस्थाबांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित हैं। इनमें से 10 प्रतिशत नौकरियां पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए और 10 प्रतिशत नौकरियां महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। इसके साथ ही 5 प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए और 1 प्रतिशत सीटें दिव्यांगों के लिए रिजर्व है।क्या है आरक्षण को लेकर विवादबांग्लादेश में आरक्षण को लेकर जो विवाद है वो 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है। वहीं 30 प्रतिशत आरक्षण जो स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को दिया जा रहा है। इसके साथ ही छात्रों का ये भी कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है जो शेख हसीना सरकार का समर्थन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का ये भी आरोप है कि शेख हसीना सरकार में मेरिट के आधार पर नौकरी नहीं दी जा रही है। भारत में प्रवेश कर रहे छात्र

बांग्लादेश में बढ़ रही हिंसा को देखते हुए बांग्लादेशी छात्र भारत में प्रवेश कर रहे हैं। इतने समय में करीब 300 छात्र भारत में प्रवेश कर चुके हैं। गृह विभाग ने बताया , बांग्लादेश में हिंसा के कारण फंसे 310 भारतीय,नेपाली और भूटानी डाउकी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के जरिए भारत आ गए हैं। इनमें 202 भारतीय ,101 नेपाली और सात भूटानी नागरिक हैं। मेघालय में प्रवेश करने वाले 310 लोगों में भारतीय भी शामिल हैं।

Posted By: Inextlive Desk