इंदौर के रहने वाले विक्रम अग्‍निहोत्री इस लिए खास नहीं हैं कि वो एक दिव्‍यांग हैं और उनके दोनों हाथ नहीं हैं। बल्‍कि वो इसलिए खास हैं क्‍योंकि वो बिना दोनों हाथों के गाड़ी चलाते हैं और उन्‍हें इसके लिए लाइसेंस भी मिल गया है।

देश के पहले ड्राइवर जो हाथों के बिना चलाते हैं
मिलिए विक्रम अग्निहोत्री से जो एक दिव्यांग हैं। विक्रम के दोनों हाथ नहीं हैं। बिना हाथों के भी विक्रम किसी के मोहताज नहीं हैं। वे बेहतरीन ड्राइवर हैं और ये उन्होंने साबित भी किया है। वे संभवत पहले ऐसे वाहन चालक बन गए हैं जो बिना हाथों के गाड़ी चलाता है और उसे लाइसेंस मिल गया है।

लंबे संघर्ष के बाद मिला लाइसेंस
विक्रम को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा है। वे दिसम्बर 2014 से पैरों से कार चलाने का लाइसेंस मांग रहे थे। इसके लिए उन्होंने अपनी कार में स्थानीय आरटीओ से लेकर उप परिवहन आयुक्त को बैठाकर शहर के व्यस्त मार्गो पर गाड़ी चला कर भी दिखाई थी। फिर भी उन्हें लाइसेंस नहीं मिला। आखिरकार उन्होंने प्रदेश के परिवहन मंत्री से लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री और परिवहन मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री तक को अपनी समस्या से अवगत कराया।

सभी दिव्यांगों को मिला फायदा
इसके बाद देश भर के करीब दस लाख से ज्यादा दिव्यांगों के आवेदन के आधार पर केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया और नोटिफिकेशन जारी किया। जिसके आधार पर इस शुक्रवार को विक्रम नायता मुंडला स्थित परिवहन कार्यालय पहुंचे और आरटीओ की मौजूदगी में ट्रायल दिया। इसके तुरंत बाद आरटीओ ने उन्हे लाइसेंस भी जारी कर दिया। उम्मीद है कि अब भविष्य में अन्य दिव्यांगों को भी ये लाभ मिल सकेगा।

 

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Posted By: Molly Seth