विजय माल्या ने भारत में प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में की अपील
लंदन (आईएएनएस)। ब्रिटेन के हाई कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने सोमवार को भारत में प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की। दरअसल, लंदन की हाईकोर्ट में माल्या ने अपने भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था। लंदन की न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार, विजय माल्या को 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील करना था। ब्रिटेन का सर्वोच्च न्यायालय इस सप्ताह के अंत में इस मामले की सुनवाई कर सकता है। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी आवेदन को खारिज कर दिया जाता है, तो यूके के गृह मंत्री को 28 दिनों के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण पत्रों पर हस्ताक्षर करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने की संभावनाकानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि माल्या को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने की संभावना नहीं है क्योंकि यह एक संवैधानिक मुद्दा है और शीर्ष दलित अन्य पहलुओं के क्रम में उच्च न्यायालय के आदेश के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। यह भारत में प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अच्छी खबर होनी चाहिए, जो लंबे समय से भगोड़े व्यापारी को पकड़ने का इंतजार कर रहे हैं। ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत माल्या की कई संपत्तियों को कुर्क किया है। बता दें कि माल्या की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लोन फ्रॉड मामले के संबंध में की जा रही है। उन्हें भारतीय जांच एजेंसियों के अनुरोध पर 20 अप्रैल, 2017 को ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।