पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी का एक वीडियो मिला है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके अपहरण के पीछे प्रतिबंधित तहरीके-तालिबान पाकिस्तान नहीं बल्कि एक गिरोह का हाथ था.


अली हैदर गिलानी के अपहरण की जांच करने वाली टीम में शामिल एक अधिकारी अपना नाम बताने की शर्त पर बताया कि इस वीडियो में अपहृत अली हैदर गिलानी ने उस समूह का नाम नहीं लिया जिनकी वह हिरासत में हैं.इससे पहले ऐसा माना जाता रहा है कि अली हैदर गिलानी को तालिबान ने बंधक बनाया हुआ है.पूर्व पाक प्रधानमंत्री गिलानी के बेटे का अपहरणअधिकारी के अनुसार इस वीडियो में अली हैदर गिलानी जंज़ीरों में जकड़े हुए हैं और उनका हुलिया देखकर ऐसा अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्हें हिंसा का शिकार बनाया गया है.लेकिन इस वीडियो में अपहरणकर्ता नज़र नहीं आ रहे हैं पर ऐसा लगता है कि यह वीडियो एक कमरे में बनाया गया है .पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने भी ऐसा वीडियो के मिलने की पुष्टि की है .


अधिकारी का कहना है कि इस वीडियो में अली हैदर गिलानी ने कह रहे है कि अपहरणकर्ताओं ने फिरौती मांगी है .चुनाव के दौरान अपहरणअधिकारी के अनुसार इस वीडियो में अली हैदर गिलानी ने अपने परिवार को भी आलोचना की है और कहा है कि उनकी रिहाई के लिए उचित उपाय नहीं किए जा रहे हैं.

महत्वपूर्ण है कि अली हैदर गिलानी का पिछले वर्ष मुल्तान से चुनाव प्रचार के दौरान अपहरण कर लिया गया था और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने अपने बेटे की रिहाई के लिए आईएसआई से मदद मांगी थी .हाल ही में तालिबान से बातचीत के दौरान सरकार ने तालिबान के 19 कैदियों की रिहाई के बदले अली हैदर गिलानी, पंजाब के पूर्व राज्यपाल सलमान तासीर के बेटे शहबाज़ तासीर और इस्लामिया कॉलेज विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजमल की रिहाई की शर्त रखी थी.न्यायपालिका ने किया 'तख्ता पलट'अली हैदर गिलानी के अपहरण के मामले की जांच करने वाली टीम में शामिल एक अधिकारी के अनुसार इस वीडियो से पहले शहबाज़ तासीर को भी दो वीडियो भिजवाई गईं थीं जिनमें अपहरणकर्ताओं की ओर से उनके परिजनों से फिरौती की मांग की गई थी .पर्यवेक्षकों का कहना है कि सरकार और प्रतिबंधित तहरीके-तालिबान पाकिस्तान के बीच होने वाले बातचीत के दौरान ऐसे वीडियो जारी करने का मकसद सरकार का ध्यान किसी अन्य गुट की ओर आकर्षित करना हो सकता है .

Posted By: Satyendra Kumar Singh