दिल्‍ली विधानसभा चुनावों में आपकी जबरदस्‍त जीत के बाद अब विरोधी पार्टियों के नेताओं के बयान आने लगे हैं. कोई अपनी जीत के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं पर इल्‍जाम लगा रहा है तो कोई वक्‍त को न समझ पाने का अफसोस जता है. जी हां कांग्रेस में जहां वैसे ही माकन और शीला के बीच जुबानी जंग छिड़ी है. वहीं सदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू अब लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव न कराने की गलती बता रहे हैं.

अब पांच साल इंतजार ही करना रह गया
आप की दिल्ली में ऐतिहासिक जीत पर शायद किसी को यकीन नहीं था. अब जो हो अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम बन गए. विरोधी पार्टियों को तो अब पांच साल इंतजार ही करना रह गया है. ऐसे में जब कल केजरीवाल कल दिल्ली के सीएम बने तो आज वेंकैया नायडू बीजेपी की गलती पर अफसोस जता रहे हैं. ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत सकती थी? संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि गत वर्ष हुए लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव न कराकर भाजपा ने व्यावहारिक गलती की. नायडू ने कहा, 'मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं कि हमें लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जाना चाहिए था. हालांकि इस चुनाव से पार्टी को एक सबक मिला है.' उन्होंने कहा कि इस गलती से हमें आगे के लिए नसीहत मिली है. इस मौके पर उन्होंने 23 फरवरी से शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र में विपक्षी दलों से सहयोग की अपील भी की.

दिल्ली के चुनाव जल्द ही होने चाहिए
गौरतलब है कि पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी समेत किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उस समय तब भाजपा को 31, आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटें मिली थीं. अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी लगातार कहती रही कि दिल्ली के चुनाव जल्द ही होने चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. शायद इसी का फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ. हालांकि भाजपा ने ऐसे सोचा नहीं होगा कि वो एक साल बाद 31 से सीधे 3 पर आ जाएगी. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. आम आदमी पार्टी को इन चुनावों में ऐतिहासिक बहुमत मिला.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh