वरुण ने कहा है कि बाहरी लोगों को भी फिल्मों में मौका मिलना चाहिए। उनके पिता डेविड धवन भी ऐसे ही फिल्मों में आए थे।

 

मुंबई (ब्यूरो)। नेपोटिज्म रॉक्स कहकर विवादों में घिरे वरुण धवन का मानना है कि भाई-भजीतावाद फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा है, लेकिन यह सही नहीं है। वरुण ने कहा कि बाहरी लोगों को भी फिल्मों में मौका मिलना चाहिए। उनके पिता डेविड धवन भी ऐसे ही फिल्मों में आए थे। 

मेरे पापा मेरे सुपरहीरो 

उन्होंने कहा, 'मेरे पिता का जन्म अगरतला में हुआ था। पहले वे मुंबई में चार लोगों के साथ एक कमरे में रहते थे। अपने परिवार को सम्मानजनक स्थिति में लाने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की। वे मेरे हीरो और सुपरहीरो हैं।' 

'परिवार सहयोग तो करेगा, लेकिन अपना नाम खुद ही बनाना होगा' 

अभिनेता ने कहा, 'मुझे याद है, जब मैं कक्षा 10 में था, तब एक बड़ा स्कूल खुला था। तब मैंने अपने पिता से कहा कि मुझे वहां एडमिशन लेना है, आप उन्हें कॉल करो। कुछ समय बाद स्कूल की सूची आ गई और मेरा नाम उसमें नहीं था। मैंने पिता से पूछा कि क्या आपने कॉल किया था, तो उन्होंने कहा नहीं। तुम खुद उसमें एडमिशन लेते। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि परिवार सहयोग तो करेगा, लेकिन अपना नाम खुद ही बनाना होगा।' वरुण की आगामी फिल्म 'सुई धागा' है, जिसमें वह एक छोटे शहर के दर्जी की भूमिका निभा रहे हैं। 

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Posted By: Swati Pandey