बारिश के मौसम में बच्चों को डायरिया की आशंका बढऩे लगती है. शरीर में पानी की कमी से खतरनाक स्थिति हो जाती है. इसे देखते हुए बाल्यावस्था यानी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के दौरान ओआरएस और ङ्क्षजक के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने व इसके प्रबंधन उपचार व परामर्श के लिए वाराणसी समेत प्रदेश के समस्त जिलों में जुलाई व अगस्त माह पर्यंत Óडायरिया रोको अभियानÓ अभियान चलेगा.

वाराणसी (ब्यूरो)। बारिश के मौसम में बच्चों को डायरिया की आशंका बढऩे लगती है. शरीर में पानी की कमी से खतरनाक स्थिति हो जाती है. इसे देखते हुए बाल्यावस्था यानी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के दौरान ओआरएस और ङ्क्षजक के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने व इसके प्रबंधन, उपचार व परामर्श के लिए वाराणसी समेत प्रदेश के समस्त जिलों में जुलाई व अगस्त माह पर्यंत Óडायरिया रोको अभियानÓ अभियान चलेगा.

सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने समस्त चिकित्सा अधीक्षकों और प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को समुदाय स्तर तक ओआरएस और ङ्क्षजक की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में जलजमाव से वायरल, बैक्टीरियल व पैरासिटिक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इससे बच्चों को डायरिया हो सकता है. यह दूषित भोजन और पानी के माध्यम से संचरित होता है. इस मौसम में रोगाणु अधिक आसानी से और तेजी से बढ़ते हैं. इसका एक कारण रोटा वायरस भी है. डायरिया के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है. यदि दस्त संक्रमण के कारण होता है तो बच्चों में मतली, उल्टी, वजन कम होना, बुखार और खाने की इच्छा न होने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. कई बार ये समस्या जानकारी न होने के कारण जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए इसके लक्षणों को नजर अंदाज न करें. इन महीनों में अभिभावकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्त से ग्रसित बच्चों के परिजनों को ओआरएस घोल बनाने की विधि सिखाएंगी. साथ ही इसके और ङ्क्षजक के उपयोग के फायदे के साथ ही साथ साफ-सफाई स्वच्छता के बारे में भी जानकारी देंगी. डायरिया होने पर ओआरएस और ङ्क्षजक के उपयोग से बच्चों में तेजी से सुधार होता है.

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यह बात अति आवश्यक

- दस्त के दौरान बच्चों को तरल पदार्थ देना चाहिए.

- दस्त होने पर बच्चों को उम्र के अनुसार 14 दिनों तक ङ्क्षजक की गोली देना आवश्यक

- पीने के लिए स्वच्छ पेयजल का उपयोग करना जरूरी.

- उम्र के अनुसार शिशु व बाल पोषण संबंधी परामर्श अनिवार्य.

- डायरिया को फैलने से रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें.

खाना बनाने से पूर्व, खाना परोसने से पूर्व एवं खाना खिलाने से पूर्व एवं बच्चों का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी.

Posted By: Varanasi Desk