Vaisakh Mas 2020 Importance and Significance: इस वर्ष 9 अप्रैल से वैशाख माह प्रारम्भ हो रहा है। यह 7 मई को समाप्त होगा। यह माह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। जानें इस माह उन्हें प्रसन्न करने के लिए क्या कृत्य करें व क्या न करें।

Vaisakh Mas 2020 Dos Donts: वैशाख के समान कोई मास नही है। सत्ययुग के समान कोई युग नही है, वेद के समान कोई शास्त्र नही है और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नही है। वैशाख मास अपने कतिपय वैशिष्ट्य के कारण उत्तम मास है जो इस वर्ष 9 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 7 मई तक रहेगा। वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सब मासों में उत्तम सिद्ध किया है। वह माता की भांति सब जीवों को सदा अभीष्ट वस्तु प्रदान करने वाला है। धर्म, यज्ञ, क्रिया, तपस्या का सार है। सम्पूर्ण देवताओं द्वारा पूजित है। जैसे विद्याओं में वेद- विद्या, मन्त्रों में प्रणव, वृक्षों में कल्पवृक्ष, धेनुओं में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, प्रिय वस्तुओं में प्राण, नदियों में गंगा जी, तेजों में सूर्य उत्तम है, उसी प्रकार धर्म के साधनभूत महीनों में वैशाख मास सबसे उत्तम है ।

12 महों में भगवान विष्णु का सबसे प्रिय है वैसाख

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला उसके समान दूसरा कोई मास नही है। जो वैशाख में सूर्योदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु निरन्तर प्रीति करते हैं। पाप तभी तक गर्जते हैं, जब तक जीव वैशाख में प्रात:काल जल में स्नान नही करता। वैशाख महीने मे सब तीर्थ, देवता आदि बाहर के जल में भी सदैव स्थित रहते हैं। वैशाख सर्वश्रेष्ठ मास है और भगवान विष्णु को सदा प्रिय है। सब दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल होता है, उसी को मनुष्य वैशाख मास में केवल जल दान करके प्राप्त कर लेता है।

केवल जल दान से ही प्रसन्न हो जाते हैं ब्रह्मा, विष्णु व महेश

दूसरों को जल दान का महत्व समझाये। यह सब दानों से बढ़कर हितकारी है। जो मनुष्य वैशाख मास में मार्ग पर यात्रियों के लिए प्याऊ लगाता है वह विष्णु लोक में प्रतिष्ठित होता है। प्याऊ देवताओं, पितरों तथा ऋषियों को अत्यन्त प्रीति देने वाला है। जिसने प्याऊ लगाकर रास्ते के थके- मांदे मनुष्यों को संतुष्ट किया है उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवताओं को भी संतुष्ट कर लिया है। वैशाख मास में प्याऊ की स्थापना, भगवान शिव के ऊपर जलधारा की स्थापना, जूता- चप्पल- छाता दान, चिकना वस्त्र दान, चन्दन दान, शीतल जल का पूर्ण पात्र दान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति होती है।

- ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश प्रसाद मिश्र

Posted By: Vandana Sharma