24-25 नवंबर की रात को जानलेवा हमले में घायल हुए चमोली निवासी एक युवक की सैटरडे को महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में मौत हो गई। युवक की मौत के बाद हॉस्पिटल में यूकेडी और कांग्रेस सहित अन्य लोगों ने जमकर हंगामा किया। लोगों का आरोप था कि पुलिस ने इस मामले में आरोपियों का पक्ष लिया और समझौता करवाने का प्रयास किया। इस आरोप के बाद मामले के जांच कर रहे लक्खीबाग के चौकी इंचार्ज को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया।

देहरादून (ब्यूरो)। जानकारी के अनुसार चमोली जिले का जोशीमठ निवासी विपिन रावत लैब टेक्नीशियन की नौकरी करता था। 24-25 की देर रात वह अपने कुछ दोस्तों के साथ इनामुल्ला बिल्डिंग में दून दरबार रेस्टोरेंट में डिनर करने गया था। वहां पहले से कुछ और युवक डिनर कर रहे थे। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार खाना खाते हुए कि दोनों पक्षों में किसी बात पर कहासुनी हो गई और मारपीट करने की नौबत आ गई। बीच बचाव के बाद झगड़ा शांत हो गया था, लेकिन इसी बीच एक युवक रेस्टोरेंट के बाहर खड़ी महंगी कार में से बेसबॉल स्टिक उठा लाया और पीछे से विपिन रावत के सिर में ताबड़तोड़ कई वार किये। इससे विपिन रावत बेहोश होकर गिर गया और हमलावर भाग गये। विपिन रावत के साथियों ने उसे बेहोशी की हालत में महंत इंद्रेश हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां एक हफ्ते तक कॉमा में रहने बाद सैटरडे सुबह उसकी मौत हो गई।

हॉस्पिटल के बाहर हंगामा
विपिन रावत की मौत की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में उसके साथी, यूकेडी से जुड़े युवक और कांग्रेस कार्यकर्ता महंत इंद्रेश हॉस्पिटल के बाहर पहुंचे और जमकर हंगामा किया। लोगों का आरोप था कि पुलिस ने जानबूझ कर हल्की धाराएं लगाई जिससे आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। लोगों का यह भी आरोप था कि इस मामले की जांच कर रहे लक्खीबाग चौकी इंचार्ज आरोपियों के साथ खड़े थे और समझौता करने का दवाब बना रहे। घटना की सूचना मिलते ही बदरीनाथ विधायक राजेन्द्र भंडारी भी हॉस्पिटल पहुंचे और घटना के विरोध में धरने पर बैठ गये। बाद में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट हॉस्पिटल पहुुंचे और मामले की जानकारी ली।

दरोगा सस्पेंड किया
मामले की जांच कर रहे लक्खीबाग चौकी इंचार्ज प्रवीण सैनी पर जांच में लापरवाही करने और आरोपियों को गिरफ्तार न करने का आरोप लगने की सूचना सीएम तक पहुंची तो उन्होंने एसएसपी देहरादून दिलीप कुंवर को कार्रवाई करने के आदेश दिये। सीएम के आदेश में एसएसपी ने प्रवीण सैनी को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। बताया जाता है कि विपिन रावत पर जानलेवा हमला करने का मामला थाना नगर कोतवाली में दर्ज करवाया गया था। मामले के जांच लक्खीबाग चौकी इंचार्ज को प्रवीण सैनी को सौंपी गई थी। आरोप है कि प्रवीण सैनी शुरू से ही इस मामले में टालमटोल कर रहे थे। विपिन रावत के कॉमा में होने के बावजूद उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और लगातार समझौता करने का दबाव बनाते रहे।

Posted By: Inextlive