पेड़ों को बचाने के लिए जुटे हजारों युवा
देहरादून (ब्यूरो)। प्रदर्शन के दौरान युवाओं में भारी उत्साह था। कहीं जनगीत गाये जा रहे थे तो कहीं पेड़ों को बचाने के लिए नारेबाजी की जा रही थी। बड़ी संख्या में युवाओं ने सड़क के दोनों किनारों के पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर इन पेड़ों की सुरक्षा का संकल्प लिया। युवाओं का कहना था कि वे किसी भी हाल में दून घाटी में विकास के नाम पर पेड़ नहीं कटने देंगे।
जनगीतों में माध्यम से विरोधयुवाओं ने जनगीतों के माध्यम से जोरदार विरोध दर्ज किया। साथी जल जंगल जमीन का बचना बहुत जरूरी है इसीलिए अंधे विकास से लड़ना बहुत जरूरी है और शहर में पेड़ लीची के बड़े सहमे हुए से हैं, सुना है एक बिल्डर को नई दुनिया बसानी है, जैसे जनगीतों ने प्रदर्शन में मौजूद लोगों में खूब जोश भरा।
दून घाटी के साथ यह बेरहमी अब सहन नहीं होगी। हमने इससे पहले एयर पोर्ट एक्सटेंशन के लिए काटे जाने वाले जंगल का विरोध किया था, हम सफल रहे। फिर सफल रहेंगे।
नितिन मलेठा
अंशुल भट्ट
देहरादून में एक के बाद एक प्रोजेक्ट लॉन्च किये जा रहे हैं, हर प्रोजेक्ट के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। विकास के लिए इतनी बड़ी बलि नहीं दी जा सकती। विकास के लिए एक भी पेड़ नहीं कटने देंगे।
जौना कुकरेजा
रिद्धि पेड़ जीवन है और हम जीवन को यूं ही नष्ट नहीं होने देंगे। जहां कहीं भी विकास के नाम पर पेड़ काटने की बात होगी, वहां हम विरोध करेंगे। चाहे कुछ भी पेड़ नहीं कटने देंगे। इतनी चौड़ी सड़कें हमें नहीं चाहिए, जो हजारों पेड़ों को खा जाएं।
साक्षी मेहंदीरत्ता हमें पता चला कि रोड चौड़ी करने के लिए 2200 पेड़ काटे जा रहे हैं। इसके विरोध में चल रही मुहिम के दौरान आज इस आंदोलन के बारे में पता चला तो हमारा 50 लोगों का ग्रुप विरोध करने यहां पहुंचा है। आगे भी विरोध जारी रहेगा।
तनुजा
आज के प्रदर्शन की सबसे खास बात मुझे यह लगी कि पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले इतने सारे संगठन पहली बार एक साथ आये हैं। इसके अलावा यूथ में जो जोश है, वह उम्मीदें बंधाता है कि हमारा यूथ ठीक दिशा में जा रहा है।
सतपाल गांधी