आर्मी एनडीआरएफ एसडीआरएफ और पुलिस ने केदारघाटी में फंसे तीर्थ यात्रियों को निकालने के लिए ताकत झोंक दी है. जबकि प्रशासन ने आपदा से तबाह हुए केदारनाथ पैदल मार्ग व हाईवे को जल्द से जल्द सुचारू करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं.

देहरादून, (ब्यूरो): आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने केदारघाटी में फंसे तीर्थ यात्रियों को निकालने के लिए ताकत झोंक दी है। जबकि, प्रशासन ने आपदा से तबाह हुए केदारनाथ पैदल मार्ग व हाईवे को जल्द से जल्द सुचारू करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं। बाकायदा, रास्तों को खोलने के लिए सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। खास बात ये है कि पैदल मार्ग जिन स्थानों पर भूस्खलन से टूटा हुआ है, वहां रास्ता तैयार करने के लिए हेलीकॉप्टर से श्रमिक भेजे गए हैं।

धाम में दूरसंचार सेवा सुचारू
केदारनाथ में दूरसंचार सेवा सुचारू हो गई है। मौजूद यात्रियों व स्थानीय लोगों के साथ ही यहां तैनात कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। मंडे को दोपहर बाद धाम में एयरटेल, जियो और बीएसएनएल की सेवा शुरू हो गई। इसके बाद यहां मौजूद तीर्थयात्री, साधु-संत, श्रमिक और मंदिर समिति के कर्मचारियों ने अपने परिजनों को जानकारी दी।

अब तक रेस्क्यू किए यात्री
डे--एयरलिफ्ट
1 जुलाई-- 754
2 जुलाई-- 599
3 जुलाई-- 729
4 जुलाई--620
5 जुलाई-- 645
(स्रोत-इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट)

आपदा सचिव व कमिश्नर पहुंचे
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात बादल फटने और भूस्खलन की घटना के बाद ध्वस्त हुए मार्गों को जल्द खुलवाने के लिए प्रशासन जुटा हुआ है। इसी क्रम में पीडब्ल्यूडी सचिव, आपदा सचिव समेत तमाम अधिकारी आपदाग्रस्त इलाके मेंं पहुंचे। जहां उन्होंने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का पैदल और हवाई निरीक्षण किया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। जबकि, जंगलचट्टी में भी 60 मीटर मार्ग टूट गया है। बताया, केदारनाथ, गरुड़चट्टी, लिनचोली मार्ग प्रभावित नहीं हुआ है। इसलिए इसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, यूपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि सोनप्रयाग के पास 11 केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है। इस पर गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए जमीन चिह्नित करने व निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

31 जुलाई को फटा था बादल
-गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी लंबा पैदल मार्ग 13 स्थानों पर हुुआ था क्षतिग्रस्त।
-आपदा में दो पुलिया बह गईं, गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग में 100 मीरटर से ज्यादा ध्वस्त।
-सेना भी हाईवे को सुचारू करने के लिए सभी विकल्पों पर कर रही है विचार।
-पैदल मार्ग कई जगह अवरुद्ध होने से क्षतिग्रस्त स्थानों पर श्रमिकों का पहुंचना संभव नहीं।
-श्रमिकों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया, सेना की 6-ग्रेनेडियर यूनिट भी पैदल मार्ग को दुरुस्त करने में देगी मदद।

केदारनाथ पैदल पड़ावों पर सन्नाटा
आपदा के बाद आजकल केदारनाथ धाम व यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा नजर आ रहा है। जबकि, धाम में अब मंदिर समिति व सरकारी विभागों के कर्मचारियों के साथ कुछ तीर्थ पुरोहित ही रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब तक यात्रा मार्ग पूरी तरह ठीक न हो जाए, ऐसा ही नजारा नजर आएगा। कारण, पैदल मार्ग भी 13 स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, जिससे पड़ावों पर जरूरी सामग्री पहुंचाया जाना भी फिलहाल संभव नहीं है।

50 यात्री रुके हुए हैं स्वेच्छा से
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मंडे को सचिव पीडब्ल्यूडी, आपदा व कमिश्नर गढ़वाल ने जहां क्षतिग्रस्त आपदा क्षेत्रों का निरीक्षण किया। वहीं, पुनर्निर्माण के कार्यों के लिए समयबद्ध योजना बनाने को लेकर चर्चा भी की। सचिव आपदा विनोद कुमार सुमन के मुताबिक आपदा को लेकर खुद सीएम पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। रेस्क्यू काम में चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगा हुआ है। ये भी बताया गया कि केदारनाथ में करीब 50 यात्री स्वेच्छा से रुके हुए हैं। जबकि, कुछ तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार, स्थानीय निवासी, पालकी व डोली और घोड़े खच्चर संचालक भी शामिल हैं, जो भी लोग नींचे आना चाहते हैं, सीएम के निर्देश पर उनको भी आवश्यकतानुसार रेस्क्यू किये जाने के लिए कहा गया है। ये भी बताया गया है वर्तमान में केदारनाथ में निशुल्क खाने-पीने की व्यवस्था की गई है और 15 से अधिक दिनों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध है।

अधिकारियों के दावे
-स्निफर डॉग की ली जा रही है मदद।
-सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के डॉग स्क्वायड भी शामिल।
-5 अगस्त को गौरीकुंड व केदारनाथ मार्ग के बीच शव बरामद।
-उसकी पहचान गौतम पुत्र निवासी यमुनानगर हरियाणा के रूप में हुई। -31 जुलाई को गौरीकुण्ड- केदारनाथ मार्ग पर 3 यात्रियों के शव बरामद हुए।
-रेस्क्यू के दौरान व रेस्क्यू के बाद स्वास्थ्य परीक्षण भी की व्यवस्था।

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Posted By: Inextlive