कार्य प्रगति पर है, घर में ही रहें
देहरादून ब्यूरो। बंजारावाला के शिवपुरी में कई परिवार घरों में कैद हैं। घर से निकलने के सभी रास्ते खोद दिये गये हैं और वहां मिट्टी के टीले हैं। अब तक लोग किसी तरह से निकल रहे थे, लेकिन बारिश के बाद भारी मात्रा में कीचड़ फैल जाने से लोग को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। कीचड़ में रपटने से कई लोग चोटिल भी हो गये हैं। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। कीचड़ में फंस जाने से दोपहिया वाहन सवार के एक्सीडेंट का खतरा बना हुआ है।
कचरे की गाड़ी भी बंद
इस इलाके में हालात ये बन गये हैं कि कचरे की गाड़ी भी घरों तक नहीं पहुंच पा रही है। लोगों के घरों में कई दिनों का कचरा जमा है। ऐसे में लोग घर से काफी दूर कचरा देने जा रहे हैं। कीचड़ हो जाने के बाद तो दूर खड़ी कचरे की गाड़ी तक पहुंच पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। जब भी कचरा वाहन घरों तक पहुंचने का प्रयास करते है, कीचड़ में फंस जाता है। इसके बाद किसी दूसरे वाहन से कचरे की गाड़ी को निकाला जाता है।
देहराखास में भी परेशानी
बंजारावाला की तरह के देहराखास में भी लोगों गलियों में कीचड़ फैल गई है और लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। लोगों की शिकायत है कि कब कहां सड़क खोद दी जाएगी इसका पता ही नहीं होता। खुदाई के दौरान अक्सर पाइप लाइन टूट जाती हैं। इससे कीचड़ फैल जाती है। कल हुई बारिश के बाद तो हालात ओर भी खराब हो गये हैं।
एडीबी के देहराखास वार्ड के प्रोजेक्ट मैनेजर विपिन तिवारी से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था सीवर लाइन डालने के साथ ही सीवर कनेक्शन भी दिये जा रहे हैं। जहां सीवर कनेक्शन का काम पूरा हो गया है, वहां सड़कें बनाई जा रही हैं। बंजारावाला क्षेत्र के प्रोजेक्ट मैनेजर जतिन सैनी के अनुसार कुछ जगहों पर लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे काम पूरा करने में दिक्कत आ रही है। दोनो प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि जल्दी की सड़कों का काम पूरा हो जाएगा। क्या कहते हैं लोग
टीएचडीसी बंजरावाला में सीवर लाइन के नाम पर लोगों का जीवन नरक बना दिया गया है। सड़क बड़ी-बड़ी मशीनों से सड़कें खोदकर छोड़ दी जाती हैं। कई सड़कें 4 महीने पहले खोद दी गई थी। अब तक वैसी ही पड़ी हैं।
देहराखास तो पूरा का पूरा खोद दिया गया है। कोई सड़क आने-जाने लायक नहीं रह गई है। लोग गाडिय़ां घरों से दूर खाली प्लाट में खड़ी कर रहे हैं। पता ही नहीं रहता कि कब सड़क खोद दी जाए। कई लोगों की गाडिय़ां तो हफ्तों से घर में ही खड़ी हैं, क्योंकि रास्ते खोद दिये गये हैं।
देहरादून का दस्तूर हो गया गया है कि सड़कें खोदो और छोड़ दो। मेन सिटी से लेकर रिहायशी इलाकों तक में यही हो रहा है। समझ नहीं आ रहा कि भारी भरकम मशीने उपलब्ध होने के बाद भी काम में इतनी देरी क्यों हो रही है। दरअसल सब कुछ बिन फ्रेम वर्क के हो रहा है।