हथौड़े से नहीं मरी पत्नी तो जहर इंजेक्ट किया
देहरादून (ब्यूरो)। पुलिस के अनुसार 17 दिसंबर रंजीत सिंह ने फोन पर थाना रायपुर पुलिस को बताया कि उसकी 26 वर्षीय विवाहिता बहन पिंकी उम्र 26 वर्ष ने 16 की शाम उसे फोन किया था कि उसके पति वीरेन्द्र साह उर्फ कृष्ण साह निवासी सोडा सरोली, रायपुर ने तीन दिन पहले उसके पेट और पीठ पर हथौड़ों से कई वार किये थे। तब से उसकी हालत बहुत खराब है और अब उसके बचने की संभावना नहीं है। रंजीत ने यह भी बताया कि बाद में उसकी अपनी भानजी से बात हुई तो भानजी ने कहा कि मम्मी हिल-डुल नहीं रही है।
पुलिस को मृत मिली महिला
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो पिंकी घर में मृत अवस्था में पड़ी थी। सीओ नेहरू कॉलोनी भी मौके पर पहुंचे। मृतका का पति कृष्णा साह और उनके तीन बच्चे भी घर पर मौजूद मिले। पूछताछ करने पर पति कृष्णा साह ने बताया कि 13 दिसंबर को पिंकी सीढिय़ों से गिर गई थी। उसे प्राइवेट डॉक्टर और सीएचसी रायपुर में दिखाया। पेट में चोट लगने से वह बार-बार उल्टी कर रही थी। पूछताछ करने पर बच्चों के द्वारा भी अपनी मम्मी के सीढिय़ों से गिरने की बात कही। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर तीनों बच्चों को बाल संरक्षण गृह भेज दिया। रंजीत कुमार की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मृतक महिला के पति कृष्ण साह को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी कृष्ण साह ने जो कहानी बताई वह बेहद चौंकाने वाली है। पेट पर हथौडिय़ां मारने के तीन दिन तक पिंकी असहनीय दर्द से गुजरती रही। जब वह मरी नहीं तो कृष्णा ने उसे नुवान का इंजेक्शन लगा दिया। आरोपी ने बताया कि पिंकी छोटी-छोटी बातों पर लड़ती थी। बताया काम नहीं करती थी। सोडा सरोली में पानी नहीं आ रहा था। कुछ दूर से पानी लाना पड़ रहा है। उसने पत्नी को पानी लाकर कपड़े धोने के लिए कहा था। 13 दिसंबर की शाम को जब वह मिस्त्री के काम से लौटा तो पिंकी ने कोई भी काम नहीं किया था। इस पर दोनों का झगड़ा हु़आ और उसने पिंकी के पेट में हथौड़ी से कई वार कर दिए। वह बेहोश हो गई। उसने सोचा वह मर गई है। दूसरे कमरे में जाकर उसने बच्चों को डराया धमकाया और कहा कि कोई भी पूछेगा तो बताना तुम्हारी मम्मी सीढिय़ों से गिर गई थी।
मरी नहीं तो जहर का इंजेक्शन
आरोपी ने बताया कि 14 दिसंबर की सुबह उसने देखा कि पिंकी जिंदा है तो वह उसे प्राइवेट डॉक्टर के पास रायपुर ले गया। डॉक्टर ने अच्छे हॉस्पिटल में दिखाने को कहा तो वह उसे सीएचसी रायपुर ले गया। वहां बाएं हाथ पर प्लास्टर चढ़ाया और दवाई दी। इसके बाद भी पिंकी के पेट में दर्द होता रहा और वह बार-बार उल्टी करने लगी। 17 दिसंबर को उसने पिंकी का अल्ट्रासाउंड कराया। इससे पता चला कि पिंकी के पेट के अंदर गंभीर घाव हो गया है और वह बचने वाली नहीं है। यह बात मेरी पिंकी को पता चल गई थी। पिंकी पुलिस में शिकायत करने की बात कहने लगी। गिरफ्तारी के डर से उसने 16-17 की रात को जब बच्चे सो गए तो घर में रखी नुवान के सीसी का इंजेक्शन अपनी पत्नी को लगा दिया। रात लगभग 3 बजे पिंकी मर गई। उसने बच्चों को उठाया और कहा कि तुम्हारी मम्मी मर गई है, कोई भी पूछे तो बताना किस सीढिय़ों से गिरने के कारण मरी है।
अंतिम संस्कार से पहले पुलिस पहुंची
कृष्ण साह के अनुसार वह सुबह बहुत जल्दी पिंकी का अंतिम संस्कार करने का प्रयास कर रहा था। उसने अपने साथ काम करने वाले मजदूरों को अंतिम संस्कार कराने के लिए बुला लिया था। डेडबॉडी ले जाने के लिए बस भी बुक करा ली थी। तभी पुलिस आ गई। पुलिस के अनुसार मुकदमा दर्ज होने और गिरफ्तारी की आशका को देखते हुए वह भागने की फिराक मे था। आरोपी की निशानदेही पर उसके घर के पास झाडिय़ों से लोहे की हथौड़ी, नुवान की शीशी और इंजेक्शन बरामद किया गया।