हाईवे पर पैचिंग तो टोल क्यों
-टैक्स के बावजूद भी सड़क के गड्ढे भरे जा रहे पैच से, पब्लिक में भारी आक्रोश
- भारी-भरकम टैक्स के बाद भी नहीं सुधर रहे हाईवे के हालात, लोगों ने उठाए सवाल
150 से 5 हजार रुपए टैक्स
टोल रोड का टैक्स 150 से लेकर 5000 रुपए तक का है। एक कार का आना-जाना 150 रुपए है और कैश देने पर 300 रुपए लिया जाता है। बस, ट्रक और अन्य कॉमर्शियल वाहनों का 500 से लेकर 2500 रुपए तक एक तरफ का टैक्स है। दोनों तरफ का कई बड़े कॉमर्शियल वाहनों का एक दिन का टैक्स 5000 से अधिक है। लोगों का कहना है कि इतना भारी भरकम टैक्स अदा करने के बाद भी पब्लिक को टूटी-फूटी सड़कों पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।
लोगों का कहना है कि हाईवे के गड्ढे पैच से भरकर इतिश्री की जा रही है। लोगोंं का कहना है कि शहर की सड़कें भी पैच से भरी जाएंगी या फिर पूरी सड़क का डामरीकरण होगा। पब्लिक का यह भी कहना है कि बरसात खत्म हो गई है, लेकिन अभी तक विभागों ने सड़कों को बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया है। लोगों को शहर में वाहनों पर हिचकोले खाकर चलना पड़ रहा है। लोगों ने जल्द से जल्द सड़कों के डामरीकरण की मांग की है। पैचिंग नहीं हाईवे का डामरीकरण करो
टोल प्लाजा रोड को तो कम से कम हर तीसरे माह हॉटमिक्सिंग होनी चाहिए। इस रोड पर हजारों वाहन रोजाना गुजरते हैं, जिससे रोड जल्द खराब हो जाती है। हाईवे के गड्ढे पैच से भरकर पब्लिक के साथ भद्््दा मजाक किया जा रहा है।
प्रमोद कपरुवाण शास्त्री, प्रदेश अध्यक्ष, देवभूमि महासभा
दून-हरिद्वार हाईवे पर लच्छीवाला टोल प्लाजा पर सरकार रोजाना करोड़ों रुपये बटोर रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर पब्लिक को ठेंगा दिखाया जा रहा है। हाईवे पर देश-विदेश के लोग गुजरते हैं। टल्ले देखकर ये लोग प्रदेश की क्या छवि लेकर जाएंगे।
अर्जुन सिंह रावत, सोशल एक्टिविस्ट
अनुराग कुकरेती, किसान नेता सरकार न जाने किस-किस नाम पर टैक्स ले रही है, लेकिन उसके अनुसार पब्लिक को सुविधाएं नहीं दे रही है। यह बात सही है कि हरिद्वार हाईवे को चकाचक किया गया है, लेकिन क्या हाईवे को हर समय चमचमाता हुआ नहीं रखा जाना चाहिए।
एएस नेगी, स्थानीय निवासी
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