दून को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सरकार की ओर से चलाया गया पायलट प्रोजेक्ट भी फेल साबित हो रहा है। प्लास्टिक के इस्तेमाल को कंट्रोल करने के लिए नगर निगम की ओर से करीब एक लाख कपड़े व जूट के बैग बांटे गए थे। लेकिन न तो ये बैग पब्लिक के हाथ में दिखे और न ही किसी कर्मचारी और नेताओं के पास ही ये कपड़े के बैग नगर आए। यहीं नहीं नगर निगम का ये बैग बांटकर पब्लिक को अवेयर करना केवल औपचारिकता साबित हुआ। अब सिटी के अधिकतर एरियाज में केवल प्लास्टिक के बैग ही नजर आ रहे है। वहीं पब्लिक की मानें तो दुकानों में मिलने वाला कपड़े का बैग काफी मंहगा होता है।

- नगर निगम की ओर से सिटी में बांटे गए थे 1 लाख कपड़े के बैग
- फिर भी धड़ल्ले से पॉलीथिन का ही हो रहा है यूज

देहरादून, 5 जुलाई (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से सिटी को प्लास्टिक फ्री करने के लिए करीब एक लाख से ज्यादा के कपड़े व जूट के थैले बांटे गए थे। इन थैलों को नगर निगम की ओर से सभी वार्ड में पार्षद की ओर से बांटे गए थे। दावा था कि ये वार्ड मेम्बर की ओर से लोगों को वितरित किए गए थे। जिससे पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पांबदी लगाई जा सके। लेकिन, इसके बाद भी कपड़े के बैग कहां गए इसका पता किसी को नहीं है। पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले पब्लिक से जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें वे बैग मिले ही नहीं।


2019-2020 में चला था अभियान
नगर निगम की ओर से प्लास्टिक के प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर पांबदी लगाने को लेकर अभियान चलाया गया था। इसकी शुरूआत सरकारी दफ्तरों के लिए एक निर्देश जारी किए गए थे कि कोई भी कर्मचारी प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल नहीं करेगा। सभी को स्टील व धातू की बोतल के इस्तेमाल को कहा गया। इसके साथ ही एक सिटी में प्लास्टिक के बैग के इस्तेमाल पर भी पांबदी लगाने के लिए कपड़े के 1 लाख बैग सिटी के वार्ड में बांटे गए थे ताकि लोग इसके बाद दुकानदार से प्लास्टिक के बैग न मांगे। इस बीच नगर निगम को कभी याद आई तो अभियान चलाया गया और चालान भी काटा गया।

2018 से अब तक 43,94,700 रुपये का चालान
वर्ष - चालान
2018-19- 11,03320
2019-20 - 11,20750
2020-21 - 1,76800
2021-22 - 1,71,850
2022- 23 - 14,44,130
मार्च -जून 2023 - 3,77,850
कुल चालान - 43,94,700

बीते साल सितम्बर में सबसे ज्यादा चालान
नगर निगम के रिकार्ड के मानें तो 2022-23 में नगर निगम की ओर से लगातार अभियान चलाया गया। इसके तहत सबसे ज्यादा चालान सितम्बर माह में 2116 लोगों के हुए। जिनसे नगर निगम ने कुल 5, 60,850 रुपये की चालान की राशि। वही इसके अलावा जलाई में भी सबसे ज्यादा चालान किए गए। जिसके तहत कार्रवाई की गई।

वर्ष 2022-23 में ये हुए चालान
वर्ष - कुल चालान - कुल जुर्माना
अप्रैल - 240 - 44550
मई - 183 - 53250
जून - 34 - 21500
जुलाई - 537 - 150150
अगस्त - 90 - 34920
सितम्बर - 2116 - 560850
अक्टूबर - 221 - 97050
नवम्बर - 311 - 123210
दिसम्बर - 243 - 77100
जनवरी 2023 - 118 - 23100
फरवरी 2023 -666 - 152950
मार्च 2023 - 282 - 105500
कुल - 5041 - 1444130


वर्जन -
कभी भी नगर निगम की टीम आकर चालान काटने लगती है। जबकि नगर निगम को चाहिए कि उनको सीधे जहां से प्लास्टिक के बैग व अन्य उत्पाद पहुंच रहे हैं। उनके चालान करे। -:
सतेन्द्र , खुदरा व्यापारी

बीते कई साल से सुन रहे है कि पॉलीथिन का इस्तेमाल पर पांबदी है। लेकिन, जब सिटी के बाजार में देखों तो बाजार में धड़ल्ले से पॉलीथिन मिल रही है। ऐसे में किसे समझाए समझ से परे हैं।
बीना रावत, गृहणी

सरकार को चाहिए कि वे पॉलीथिन को बैन करने को लेकर जो भी कानून बनाए उसका सख्ती से पालन करें। इसके साथ ही पब्लिक को भी चाहिए कि अवेयर हो और खुद भी घर से कपड़े का बैग लेकर जाए।
डॉ। स्वाति आंनद, प्रिंसिपल

प्लास्टिक बंद करने को लेकर कड़े कानून बनाए गए है। लेकिन, कोविड महामारी के दौरान थोड़ी से सख्ती पर ढि़लाई की गई थी। जल्द ही कड़े नियम बनाकर पॉलीथिन का इस्तेमाल करने के साथ पॉलीथिन व्यापारियों पर भी कार्रवाई होगी।
सुनील उनियाल गामा, मेयर नगर निगम देहरादून
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive