Dehradun News: कहां हैं स्कैनर, आप ढूंढते रह जाएगाओ
देहरादून, ब्यूरो: दून शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के साथ स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग के टॉप-50 में स्थान दिलाए जाने के प्रयास जारी हैं। नगर निगम ओर से पुरजोर कोशिश कर रहा है। दावा ये भी किया जा रहा है कि सिटी के तमाम इलाकों में कूड़ा फेंकने या फिर डालने वालों की शिकायत नगर निगम तक पहुंच पाए, इसके लिए स्कैनर तक लगाए गए हैं। लेकिन, सच्चाई तो ये है कि 5 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक न तो नगर निगम प्रशासन को एक भी शिकायत मिल पाई और न ही आम लोगों को शिकायत दर्ज करने के लिए स्कैनर यानि क्यूआर कोड शहर में दिखाई दे रहे हैं।
स्ट्रीट लाइट पर स्कैनर लगने के थे दावे
दरअसल, नगर निगम प्रशासन की मानें तो सिटी में कूड़े या फिर स्ट्रीट लाइट की दिक्कत को लेकर क्यूआर कोड यानि स्कैनर लॉन्च किया गया है। जिसकी शुरुआत राज्य स्थापना दिवस के मौके पर दिन पूर्व यानि 8 नवंबर को सीएम पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी क्यूआर कोड लॉन्च किया गया। इस दौरान सीएम ने स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर झाड़ू भी लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया। कहा गया कि नगर निगम दून के अंतर्गत कोई भी कंप्लेनर स्ट्रीट लाइट की शिकायत के लिए बनाए गए क्यूआर स्कैन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। ये स्कैनर बाकायदा, नगर निगम के तहत लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगाए जाएंगे।
तो दिखावा के लिए है केवल एक क्यूआर कोड
क्यूआर कोड लॉन्च हुए करीब 5 से 6 दिन पूरे हो चुके हैं। लेकिन, अब तक न तो क्यूआर कोड स्ट्रीट लाइट पर नजर आ रहे हैं और न ही नगर निगम मुख्यालय में दिख रहे हैं। जाहिर है कि लोग स्ट्रीट लाइट या फिर कूड़ा को लेकर कहां और कैसे स्कैन करेंगे, शायद इस बात को नगर निगम बेहतर जानता होगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने लगातार दो दिनों तक शहर के तमाम एरियाज में नगर निगम के दावों के मुताबिक क्यूआर कोड या स्कैनर की पड़ताल की। लेकिन, रेसकोर्स बन्नू स्कूल के शिवाय कहीं भी कोई भी क्यूआर कोड नजर नहीं आया।
सीएम उद्घाटन स्थान का भी दौरा किया
हमारी टीम ने जब सीएम के उद्घाटन स्थल से लेकर नगर निगम मुख्यालय तक पड़ताल की। कहीं भी क्यूआर कोड नजर नहीं आए। इसके अलावा हमने स्थानीय लोगों से भी जानकारी चाही, तो कोई भी इस बावत नहीं बता पाए। स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां कोई स्कैनर ही नहीं लगे हुए हैं। यहां तक कि सीएम का कार्यक्रम पर लगे स्कैनर तक की जानकारी तक लोगों को नहीं थी। हमारी टीम उस स्थान पर पहुंची, जहां सीएम ने उद्घाटन किया था, वहां पर जरूर एक क्यूआर कोड मिला। जिसके नीचे लिखा हुआ नगर निगम। लेकिन, ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि आखिर ये क्यूआर कोड किस लिए और किससे संबंधित है। मसलन, इसमें स्कैनर तक की जानकारी नहीं दी गई है। शायद, यही कारण है कि लोग इसको लेकर इंट्रेस्ट नहीं दिखा पा रहे हैं।
क्यूआर कोड पर एक नजर
-8 नवंबर को सीएम ने बन्नू स्कूल रेसकोर्स में किया था लॉन्च
-दावे थे, कोई भी शहरवासी स्ट्रीट लाइट व कूड़े को लेकर कर सकता है शिकायत
-अब तक तक इस स्कैनर से नगर निगम प्रशासन को नहीं मिली है कोई शिकायत।
-निगम का दावा, गार्बेज वनरेबल प्वाइंट पर शिकायत को लगाया गया है स्कैनर।
-निगम का ये भी दावा, जल्द ही निगम क्षेत्र के सभी पोल पर लगाए जाएंगे स्कैनर।
स्कैनर योजना में ये शामिल
सिटी के 100 वार्डों में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्थाएं हैं। जहां मौजूद करीब 1 लाख बिजली के पोल में स्कैनर लगाए जाएंगे। इसके अलावा 70 ऐसे गार्बेज वनरेबल प्वाइंट्स होंगे, जहां पर ये स्कैनर लगाए जाएंगे।
ऐसे किया जाता है स्कैन
गूगल स्कैनर पर इस स्कैनर को स्कैन कर नगर निगम के साइट पर शिकायतकर्ता अपने फोन से शिकायत दर्ज करवा सकता है। इसके लिए पहले लोकेशन और उसके बाद कैमरा का ऑप्शन आता है। जिसके बाद कोई भी जिस लोकेशन पर खड़े हो, वहां की ऑन स्पॉट तस्वीर खींच कर अपलोड करवाकर शिकायत दर्ज करा सकता है। बताया गया है कि इसके बाद सबंधित शिकायतकर्ता के फोन पर शिकायत नंबर दर्ज हो जाएगी। जिसके बाद नगर निगम सबंधित शिकायत के एवज में कार्रवाई करेगा।
तो महज खानापूर्ति के लिए लगा दिए स्कैनर
कहने के लिए दून सिटी के तमाम इलाकों में स्कैनर लगाए जाने तय हैं। जिसकी शुरुआत भी सीएम की मौजूदगी में रेसकोर्स स्थित जीवीके प्वाइंट (गार्बेज वनरेबल प्वाइंट) से कर दी गई है। लेकिन, इस स्कैनर की नगर निगम दून के कार्मिकों तक को पर्याप्त जानकारी नहीं है।
गाड़ी पर लगे स्कैनर भी गायब
नगर निगम की ओर से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाडिय़ों के लोकेशन की मॉनिटरिंग के लिए स्कैनर लगाए गए थे। इनके जरिए गाडिय़ों के लोकेशन पर पहुंचने के बाद स्कैन कर अपने पहुंचने की जानकारी देना तय हुआ था। लेकिन, एक-दो माह बाद ही ये स्कैनर भी गायब नजर आ रहे हैं।
एकाध जो भी स्कैनर लगाए गए हैं, उसके बारे में कैसे उसको यूज करें, या फिर स्कैनर कहां पर है। आम लोगों को इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में संबंधित विभाग की ओर से लोगों को जानकारी तक नहीं दी जा रही है। इसका प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। तभी इसका मतलब बनता है।
-देवेन्द्र पाल सिंह मोंटी, निवर्तमान पार्षद.
रेर्सकोर्स के गार्बेज वनरेबल प्वाइंट में जो स्कैनर लगा है। उसके माध्यम से फिलहाल अब तक कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा सिटी के सभी गार्बेज वनरेबल प्वांइट्स पर ऐसे ही स्कैनर लगाए जाने हैं। जिसके बाद कहीं भी कूड़ा मिलता है तो उसे सुधारा जा सकेगा।
-गोपालराम बिनवाल, उप नगर आयुक्त, नगर निगम.