अक्सर थोड़ी सी परेशानी आने पर लोग घबरा जाते हैं। लेकिन मुसीबत के दौर में भी खुद को संभालकर खड़े होकर दूसरी महिलाओं को भी रोजगार के अवसर मुहैया कराने में योगदान दे रही हैं। दून की कई नारियां ऐसी हैं जिनके कठिन वक्त में भी पैर नहीं डगमगाए। आज वे महिलाओं के लिए मिसाल बनकर बनकर सामने आई हैं। ऐसी ही महिलाओं में तस्लीमा कौसर जेबा खान और साधना जयराज हैं। जिनके मुसीबत में भी कदम नहीं डगमगाए और इन्होंने आयरन लेडी बनकर समाज में अपनी ही जगह बनाई है।

देहरादून, ब्यूरो:
दून के डालनवाला निवासी तसनीमा कौसर के पति की मौत 2014 में दिल का दौरा पडऩे से हुई। पति की मौत के बाद ढाई साल की बेटी जीने का सहारा बनी। पति का साथ छूटा तो ससुराल से भी सहारा छूट गया, तो बच्ची की परवरिश चुनौती बन गई। हालात की चुनौती स्वीकार कर लोगों के कपड़े सिलने का काम अपने घर से शुरू किया। जो धीरे-धीरे बुटीक बन गया।

बनाया दून महिला शक्ति ट्रस्ट
हालात से सीख लेते हुए उन्होंने पीडि़त महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ा। 2019 में उन्होंने अपना एक संगठन बनाया जिसका नाम दून महिला शक्ति ट्रस्ट रखा। जिसमें कई महिलाओं को शामिल किया। इसके अलावा 1500 से अधिक महिलाओं को अलग-अलग ब्लॉक में जोड़ा। इन्होंने बुटीक के साथ अचार-पापड़ बनाना, क्राफ्ट के काम के साथ महिलाओं को टे्रनिंग दी जिससे वह अपनी आर्थिकी के लिए दूसरों पर निर्भर न रहे।

फीडिंग इंडिया से जुड़ किया फूड डिस्ट्रीब्यूशन
फीडिंग इंडिया से जुडकर पर 6 महीने तक मलिन बस्तियों में खाना वितरण किया। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, औरतों को पढ़ाना एवं रोजगार से जोडऩा स्टार्ट किया। तसनीमा कौसर को हर दुखी औरत की अपनी लगती है। उन्हें दून महिला शक्ति ट्रस्ट के साथ उन्हें जोड़कर उनका सहारा बनीं। तसनीमा कहती है कि जिंदगी एक इम्तिहान है। हालात कुछ भी रहें पर निराश कभी नहीं होना चाहिए।

आर्थिक तंगी में ली शिक्षा अब बनी कई का सहारा
साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली जेबा खान के पिता की मौत 6 साल की उम्र में हो गई थी। जैसे-तैसे 10 वीं की तो 15 साल की उम्र में मां ने शादी करवा दी। शादी के बाद भी पढ़ाई के प्रति पत्नी की रुचि को देखते हुए पति ने शिक्षा जारी रखी। अपने जीवन से सबक लेते हुए जेबा ने गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देनी शुरू कर दी। एमए, डीएलएड व बीएड करने के बाद उन्होंने ब्राइट एरा एकेडमी के नाम से स्कूल शुरू किया। जिसमें आर्थिक तौर से कमजोर बच्चों की मदद के लिए फ्री में शिक्षा देना शुरू किया। कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा पर असर न पड़े इसके लिए उन्होंने अपनी सेविंग्स भी तोड़ डाली।

बच्चों व महिलाओं को दे रही ट्रेनिंग
जेबा खान बच्चों, महिलाओं व जरूरतमंदों को कम्प्यूटर कोर्स, पर्सनलिटी डेवलपमेंट कोर्स, जूडो क्लासेस भी देना शुरू किया। जिससे बच्चे सेल्फ डिफेंस सीख सकें।

बच्चों के लिए बनाया आनंद वन
साधना जयराज ने शहर में वन संपदा को बचाने के लिए दूनवासियों को आनंद वन जैसा पार्क दिया। इस पार्क के माध्यम से उन्होंने बच्चों को शिक्षा के साथ मनोरंजन देने का प्रयास किया। इस वन में बच्चों को तरह-तरह के झूलों के अलावा हर तरह के जानवर का स्ट्रक्चर भी बनाया है। इसके अलावा यहां सभी तरह के 82 औषधि के अलावा फूलों की प्रजाति के माध्यम से बच्चों को अवेयर करने का प्रयास किया गया। एक आनंद वन में नक्षत्र वाटिका के माध्यम से दिखाया गया है।
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Posted By: Inextlive