मंगलवार अल सुबह ओएनजीसी चौक पर दर्दनाक हादसा हुआ. 6 युवाओं की जान चली गई. सब लोग ओवर स्पीड का अनुमान लगा रहे हैं. लेकिन दुर्भाग्यवश चौक पर इंस्टॉल हाईटेक कैमरे टेक्नीकल प्रॉब्लम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई कार स्पीड को रिकॉर्ड नहीं कर पाए.


देहरादून, ब्यूरो: मंगलवार अल सुबह ओएनजीसी चौक पर दर्दनाक हादसा हुआ। 6 युवाओं की जान चली गई। सब लोग ओवर स्पीड का अनुमान लगा रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्यवश चौक पर इंस्टॉल हाईटेक कैमरे टेक्नीकल प्रॉब्लम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुई कार स्पीड को रिकॉर्ड नहीं कर पाए। जाहिर है लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर सिटी में स्मार्ट सिटी से लेकर पुलिस के जो कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। वे किस काम के हैं। पुलिस विभाग का कहना है कि कैमरों की खराबी के कारण ऑनलाइन चालान तक नहीं हो पा रहे हैं। वहीं, स्मार्ट सिटी का कहना है कि शहर में करीब 674 कैमरे इंस्टॉल हैं। जिनमें से करीब 100 कैमरे टेक्नीकल इश्यू का कारण काम नहीं कर पा रहे हैं। जिसके लिए कुछ सरकारी विभाग जिम्मेदार हैं।49 जंक्शन पर 4 प्रकार के कैमरे हैं इंस्टॉल


दरअसल, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दून शहर के स्मार्ट सिटी दायरे में करीब 674 कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। इनमें से कुछ कैमरों ने अपने काम करने की शुरुआत वर्ष 2022 से की थी, जो लगातार चल फंक्शन में हैं। लेकिन, कुछ कैमरे टेक्नीकल इश्यू के कारण काम नहीं कर पा रहे हैं। इसकी असल वजह तमाम सरकारी विभागों के द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के तहत केबिल कट जाने या फिर इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल बताजा हा रहा है। खास बात ये है कि मंगलवार अलसुबह दून के ओएनजीसी चौक पर जो हादसा हुआ और उसमें 6 युवाओं की जान चली गई। उसकी रिकॉर्डिंग भी स्मार्ट की ओर से लगाए गए कैमरे में रिकॉर्ड नहीं हो पाया। जिससे ये पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर कार कितनी स्पीड में थी। यही कारण है कि दूनवासी भी इन कैमरों पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, स्मार्ट सिटी का कहना है कि कुछ तनकीकी खामियों के कारण ओएनजीसी चौक पर इंस्टॉल कैमरे से दुर्घटना के दिन रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई। जिसको अब रिजॉल्व कर दिया गया है।दून में इंस्टॉल कैमरों की संख्यासिटी सर्विलांस--536आरएलवीडी --4एएनपीआर--29कुल कैमरे--674कैमरों की दिक्कत से पुलिस मैनुअल कर रही है चालान

स्मार्ट सिटी के मुताबिक 674 कैमरों में से वर्तमान में करीब 100 कैमरे तकनीकी दिक्कतों के कारण काम नहीं कर रहे हैं। बाकी, सब फंक्शनल हैं। इधर, ट्रैफिक पुलिस का भी कहना है कि कैमरों के काम न करने को लेकर ऑनलाइन चालान भी नहीं हो पा रहे हैं। नतीजतन, ट्रैफिक पुलिस मैनुअल ही चालान कर पा रही है। जिस कारण ओवर स्पीड, रेड लाइट जंप जैसे चालान में पुलिस को खासी दिक्कतें हो रही हैं। मैन्युअल चालानचालान--------वर्ष 2022 - वर्ष 2023विदाउट हेलमेट - 11902 - 13656विदाउट डीएल - 2481 - 1821रॉन्ग साइड - 1126 - 4024(जनवरी टू दिसम्बर)साल 2024ओवर स्पीड - 1265मोबाईल इस्तेमाल- 1815रेड लाइट जंप - 799विदाउट हेलमेट- 12997रॉन्ग साइड - 2645ट्रिपल राइडिंग - 2671ड्रिंक एंड ड्राइव - 1226(जनवरी टू अक्टूबर)कैमरों से चालान2022 - 357052023 - 974122024 - 31146सड़क हादसे में घायल युवक ने दम तोड़ा

ऋषिकेश में सड़क हादसे में घायल युवक ने एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सोमवार रात को बाइक सवार दो युवक की आशुतोष नगर तिराहे पर कार से टक्कर हो गई थी। इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरे घायल युवक का एम्स में उपचार चल रहा था।बिना फिटनेस दौड़ रहा था कंटेनरमंगलवार की अलसुबह जिस कंटेनर से कार के टकराने के बाद 6 युवाओं की जान चली गई। बताया जा रहा है वो कंटेनर वर्ष 2013 से बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के सड़क पर दौड़ रहा था। गुरुग्राम हरियाणा आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड ये कंटेनर सोमवार देर रात करीब डेढ़ बजे दुर्घटना के समय अंडर ग्राउंड गैस पाइप लाइन में यूज होने वाले होरिजेंटल डायरेक्शनल ड्रिङ्क्षलग मशीन को किशननगर चौक से कौलागढ़ ले जा रहा था। जब पुलिस ने जब इस कंटेनर का रजिस्ट्रेशन नंबर निकाला तो कंटेनर का पूरा इतिहास सामने आ गया। चौंकाने वाले बात तो ये है कि कंटेनर का केवल फिटनेस ही नहीं, इंश्योरेंस, रोड टैक्स और ऑल इंडिया परमिट तक वर्ष 2015 में खत्म हो चुका है।घटना पर युवाओं का ये कहना है
कहीं न कहीं पेरेंट्स भी जिम्मेदार हैं। उन्हें चीजो को समझना चाहिए। अपने बच्चों को थोड़ा गाइड करें। उन्हें ट्रैफि़क रूल्स के लिए सजग रखें। उनसे पूछें कि बच्चे कहां जा रहे हैं। थोड़ा कॉलेज को भी स्ट्रिक्ट होना चाहिए। पुलिस को भी इसको लेकर गाइडलाइन बनानी चाहिए। चेकपोस्ट थोड़े ज़्यादा होने चाहिए। पुलिस की पेट्रोलिंग सख्त हो, कैमरा ज़्यादा होने चाहिए।-प्रशांत, स्टूडेंट।दून में मैं 2-3 साल से तैयारी कर रहा हूं। सड़क का सबसे पहला रूल होना चाहिए ख़ुद भी सुरक्षित रहना और दूसरों को भी सुरक्षित रखना। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब घर जाता हंू, ढाई सौ किमी की रेंज में कोई चैक पोस्ट तक नहीं है। छह नंबर पुलिया चले जाइए, वहां ट्रैफिक लाइट तक काम नहीं कर रही है। रोड क्रॉस करने के लिए 15 मिनट सोचना पड़ता है।-कुलदीप बिष्ट, स्टूडेंटजैसा कि आजकल देखने को मिल रहा है कि दून में लेट नाइट कल्चर शुरू हो गया है। जैसे की लेट नाइट पार्टी, ड्रंक एंड ड्राइव। हम ख़ुद ही इतने समझदार हों कि एल्कोहॉल चीज़ें कम ही रखनी चाहिए। हमें अपने पेरेंट्स के बारे में भी सोचना चाहिए। जिससे किसी को नुक़सान न पहुंचे और खुद भी सेफ रह पाएं। मेरा मानना है कि युवा अपने पेरेंट्स का जरूर ख्याल रखें।dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive