स्टेट में टूरिज्म को रफ्तार देने के लिए सरकार यकीनन होम स्टे को बढ़ावा दे रही है. यही कारण है कि अकेले राजधानी के तमाम इलाकों में आपको पिछले दो-तीन वर्षों में कई होम स्टे नजर आ रहे होंगे.


देहरादून,(ब्यूरो): स्टेट में टूरिज्म को रफ्तार देने के लिए सरकार यकीनन होम स्टे को बढ़ावा दे रही है। यही कारण है कि अकेले राजधानी के तमाम इलाकों में आपको पिछले दो-तीन वर्षों में कई होम स्टे नजर आ रहे होंगे। लेकिन, इन में कई ऐसे होम स्टे संचालक हैं, जो सरकार के नियम-कानूनों को ताक पर रखकर इनका संचालन कर रहे हैं। ऐसे संचालक न तय शर्तें मान रहे हैं और न मानने को तैयार हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि होम स्टे के नाम लाइसेंस लेने वाले कुछ संचालकों ने होटलों की तर्ज पर इंतजाम किए हुए हैं। बाकायदा, रिसेप्शन तक बनाया गया है और 6 नहीं, 12-12 कमरे तक उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं।आने वाले समय में दिखेगा सुधार


संडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के कुछ क्षेत्रों में संचालित होम स्टे की पड़ताल की। पाया कि संचालित हो रहे कुछ होम स्टे तय शर्तों के बिल्कुल विपरीत नजर आए। कुल मिलाकर कई होम स्टे ऐसे हैं, जो पर्यटन विभाग के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। यही कारण है कि विभाग ने ऐसे नियम विरुद्ध चलने वाले 3,813 होम स्टे के आवेदन कैंसिल कर दिए। इनमें सबसे ज्यादा 1,482 दून के बताए गए हैं। फिलहाल, जब इस बावत पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में होम स्टे के रजिस्ट्रेशन में परिवर्तन किया जा रहा है। जिसके बाद होम स्टे के संचालन में भी सुधार देखने को मिलेगा।साइट--1--क्र(फोटो इन में आईएसबीटी--नंबर वन नाम सेक्र)ये आईएसबीटी क्षेत्र में संचालित होने वाला होम स्टे है। दूर से मल्टीस्टोरी नजर आ रही है। इलाके में ऐसे एक नहीं, कई होम स्टे चल रहे हैं। इनमें कमरों की कितनी संख्या होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि, पर्यटन विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक होम स्टे में 6 से ज्यादा रूम्स नहीं होने चाहिए।साइट --2--(फोटो इन में आईएसबीटी--नंबर दो नाम से)ये होम स्टे भी आईएसबीटी क्षेत्र का ही है। रिसेप्शन देखकर ऐसा लग रहा है कि ये कोई होटल होगा। तीन मंजिल होम स्टे को पूरी तरह होटल का लुक दिया गया है। गाइडलाइन में यह भी साफ है कि किसी भी होम स्टे में रिसेप्शन जैसी यूनिट नहीं होनी चाहिए, ये पूरी तरह घरेलू होने चाहिए।साइट--3--(फोटो इन में टर्नर रोड नाम से)

ये टर्नर रोड पर स्थित लाइन से मौजूद होम स्टे हैं। जहां पर नियमानुसार नेम प्लेट तो लगाए गए हैं। लेकिन, पता चला है कि यहां पर भवन स्वामी नहीं रहते हैं। गाइडलाइन में यह भी साफ है कि जिस जगह होम स्टे चल रहा हो, घर के ओनर भी वहीं निवास कर रहे हों।स्टेट में होम स्टे- 7,663 होम स्टे संचालित।- 3,813 आवेदन स्टेट में कैंसिल।- 1,482 आवेदन दून में कैंसिल।रजिस्ट्रेशन की शर्तें-होमस्टे रेजिडेंशियल कैंपस में हो।-भवन स्वामी अपनी फैमिली के साथ वहां रहता हो।-संचालित होम स्टे में रूम्स की संख्या 1 से 6 तक हो।-हर होम स्टे में वेंटीलेशन व लाइटिंग के प्रॉपर इंतजाम हों।-फायर सेफ्टी इक्विपमेंट के साथ बाहर नेम प्लेट चस्पा हो।-पर्यटकों की गाडिय़ों के लिए हो पार्किंग के पूरे इंतजाम।होम स्टे स्वामी पर ये रोक-होम स्टे में होटल की तर्ज पर रिसेप्शन व काउंटर नहीं हो।-आसपास के लोगों को कोई दिक्कत न हो, होम स्टे संचालक कोई ऐसी एक्टिविटी नहीं करेगा।-होम स्टे संचालक पर किसी भी प्रकार की भ्रामक व सूचनाएं एक्सचेंज करने पर रहेगी रोक।1369 संचालित, 1482 आवेदन कैंसिल

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार दून में 1369 होम स्टे संचालित हो रहे हैं। लेकिन, विभाग की ओर से तय शर्तों के मुताबिक आवेदन न होने की वजह से विभाग ने 1482 आवेदन कैंसिल कर दिए। साफ है कि होम स्टे को लेकर लोग संचालन के लिए काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लेकिन, विभाग ऐसे संचालकों को शर्तें पूरा करने के बाद ही संचालन करने की मंजूरी दे रहा है।जैसी परफॉर्मेंस, वैसी कैटेगरीजबताया जा रहा है होम स्टे संचालन के लिए लोगों में काफी दिलचस्पी बढ़ रही है। जिसको देखते हुए अब विभाग इनके रजिस्ट्रेशन व संचालित हो रहे होम स्टे की परफॉर्मेंस को देखते हुए कैटेगराइजेशन की भी तैयारी कर रही है। जिससे उनकी परफॉर्मेंस की मॉनिटरिंग की जा सके। डिप्टी डायरेक्टर वाई गंगवार के मुताबिक तय शर्तों के मुताबिक चलने वाले होम स्टे को डायमंड, गोल्ड, सिल्वर व ब्रोंज जैसी रैैंकिंग भी दी जा सकती है।संचालित होम स्टे पर एक नजर-वर्ष 2016 टूरिज्म डिपार्टमेंट ने सब्सिडी के तहत होमस्टे प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।-मकसद स्टेट में टूरिज्म को बढ़ावा देना और रोजगार सृजन करने के साथ आर्थिकों को मजबूत करना था।-लेकिन, कुछ होम स्टे में औपचारिकता के तौर पर भवन स्वामी की नेम प्लेट है, खुद मौजूद नहीं हैं।-आईएसबीटी, टर्नर रोड इलाकों में संचालित होम स्टे में तो किचन तक के इंतजाम नहीं।
-कुछ होम स्टे सालभर के लिए लीज पर हो रहे संचालित, भवन स्वामी है कोई दूसरा।-होम स्टे में किराया 800 से लेकर डेढ़ हजार रुपए तक।-कुछ होम स्टे में मौजूद कमरों से संख्या 6 से ज्यादा तक मिली।-होम स्टे में होटल जैसी दिखावट, रिसैप्शन जैसी पूरी सुविधा मौजूद।होम स्टे के रजिस्ट्रेशन को लेकर विभाग आने वाले समय में क्लासिफिकेशन की तैयारी कर रहा है। जिससे होम स्टे को कैटेगराइज किया जा सके। कुल मिलाकर विभाग रजिस्ट्रेशन के लिए अभी सुधार की कोशिश में है। जिससे आने वाले टूरिस्ट को बेहतर लाभ मिले सके।-योगेंद्र कुमार गंगवार, डिप्टी डायरेक्टर.

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Posted By: Inextlive