बगैर कंपनसेशन के हम दुकानें खाली नहीं करेंगे
- जोगीवाला में अतिक्रमण हटाने के विरोध में उतरे व्यापारी
- पीडब्ल्यूडी ने डाक से भेजा व्यापारियों को दुकान खाली करने का नोटिस
जोगीवाला जाम से पूरा शहर परेशान
जोगीवाला से पहले और बाद में सड़क चौड़ी है। जोगीवाला में तकरीब 150 मीटर सड़क बॉटलनेक बनी हुई, जिससे यहा पर दिनभर जाम लगा रहता है। इस जाम से पूरा शहर प्रभावित है। पहले भी कई बार जोगीवाला में रोड चौड़ीकरण के लिए व्यापारियों को नोटिस जारी किए गए, लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते पुलिस-प्रशासन पीछे हटती रही है। व्यापारी मुआवजा मांग रहे हैं, लेकिन राजस्व विभाग का कहना है कि जोगीवाला में करीब 4 मीटर सड़क पर अतिक्रमित की गई है, जिसे हटाया जाए। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि इस जमीन के उनके पास रजिस्ट्री है।
व्यापारियों का कहना है कि जोगीवाला 100 साल पुराना मार्केट है। यहां से दर्जनों परिवारों का घर चलता आया है। कहा कि शासन-प्रशासन संवेदनशील बने संवेदनहीन नहीं। कहा कि इनते समय से घर परिवार चला रहे व्यापारी को कैसे बगैर मुआवजे के डंडे के बल पर बाहर किया जा सकता है। कहा कि वह सड़क चौड़ीकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपनी जमीन को मुफ्त में सरकार को नहीं देंगे।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई वन साइडेड
जोगीवाला के व्यापारियों ने वेडनसडे को बैठक कर प्रशासनिक कार्रवाई को एकतरफा करार दिया। व्यापार मंडल जोगीवाला के प्रधान महेश यादव ने कहा कि हिटलरशाही से व्यापारी डरने वाले नहीं है। कहा कि जिस भूमि की उनके पास रजिस्ट्री है उसे किस नियम के तहत अतिक्रमण घोषित किया गया है। महेश यादव का कहना है कि कोई भी सक्षम अधिकारी आज तक समस्या के समाधान के लिए व्यापारियों के पास नहीं आया है। ऐसे नोटिस पहले भी कई बार दिए जाते रहे हैं। आज तक हुआ कुछ नहीं है। बैठक में सुंदर सिंह नेगी, मनीष पासी, शिव सिंह पंवार, दलीप सुद्धी, कांति देवी, अशोक कुमार, राकेश, राजेश और बीर सिंह आदि मौजूद रहे।
पीडब्ल्यूडी एनएच खंड डोईवाला ने 28 जनवरी को अतिक्रमण धवस्त करने से पूर्व व्यापारियों को 21 को पक्ष रखने को कहा है। इसके बाद किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं होगी सीधे अतिक्रमण हटाने के लिए जेसीबी चलेगा। बिना मुआवजे के व्यापारियों को हटाना न्यायोचित नहीं है। सरकार मानवीय दृष्टिकोण अपना कर प्रभावित दुकानदारों को उचित मुआवजा देकर शांतिपूर्ण तरीके से कार्रवाई करे।
महेश यादव, पूर्व प्रधान एवं व्यापारी नेता हमारे पास भूमि की रजिस्ट्री है। रजिस्ट्री की भूमि को अतिक्रमण कहना पूरी तरह नियम विरुद्ध है। दुकानें हटने के बाद हमारा व्यवसाय खत्म हो जाएगा। रोजी-रोटी का साधन छिन जाने से हम बर्बाद हो जाएंगे।
सुंदर सिंह नेगी, व्यापारी नेता हम वर्षों से यहां पर व्यवसाय करते आ रहे हैं। व्यवसाय ही हमारा एक मात्र साधन है। हम लगातार मुआवजे को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन को यह आवाज सुनाई नहीं दे रही है।
सोबन सिंह पंवार, व्यापारी
हमारी सरकार से मांग है कि व्यापारियों की आवाज को सुना जाए। बिना मुआवजे को वह कतई दुकानें खाली करने वाले नहीं हैं। चाहे सरकार गोली ही क्यों न चलवा दे। कतई पीछे हटने वाले नहीं हैं।
सुरेश चड्ढा, व्यापारी
प्रवीन कुमार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी एनएच खंड, डोईवाला
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