काम में लापरवाही बरतना ऊर्जा निगम की आदत सी बन गई है. कंज्यूमर्स को निर्धारित समय पर नया बिजली कनेक्शन समेत कई सेवाएं निर्धारित समय पर प्रोवाइड न कराने पर 23 करोड़ से अधिक का जुर्माना लग चुका है.


देहरादून(ब्यूरो): काम में लापरवाही बरतना ऊर्जा निगम की आदत सी बन गई है। कंज्यूमर्स को निर्धारित समय पर नया बिजली कनेक्शन समेत कई सेवाएं निर्धारित समय पर प्रोवाइड न कराने पर 23 करोड़ से अधिक का जुर्माना लग चुका है। हालात यह है कि इतना जुर्माना लगने के बाद भी निगम में सुधार नहीं हो पा रहा है, जिससे लगातार जुर्माने की रकम बढ़ती जा रही है। जुर्माने को देने के बजाय निगम बार-बार माली हालत का हवाला देकर बचने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में निगम ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) से पैनल्टी माफ करने की गुहार लगाई है। यूईआरसी ने पिटीशन पर सुनवाई तो कर ली है, लेकिन अभी मामले में कोई फैसला नहीं सुनाया है। लग चुकी 23 करोड़ की पैनल्टी
यूईआरसी ने अब तक ऊर्जा निगम पर समय पर सर्विस प्रोवाइड न कराने पर 23 करोड़ रुपए की पैनल्टी ठोकी है। यह बात अलग है कि निगम ने इसमें से अभी तक मात्र 3 करोड़ रुपये जमा कराए हंै। खास बात यह है कि रेगुलेशन कमीशन ने बिजली व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, बावजूद इसके ऊर्जा निगम पैनल्टी देने को तैयार है, लेकिन नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है। निगम का कहना है कि फील्ड में कई बार आरओडब्ल्यू यानि राइट ऑफ वे में अड़चनें आ रही हैं। निगम की माली हालात खराब है, ऐसे में निगम को इसमें राहत दी जाए। कंज्यूमर्स को नहीं मिल रहा कंपनसेशन ऊर्जा निगम को 15 दिन के भीतर कंज्यूमर को डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन देना अनिवार्य है। 2020 में नियामक आयोग ने इस नियम को लागू किया है। 15 दिन बाद कनेक्शन जारी किए जाने पर कंज्यूमर्स की ओर से जमा किए पर रकम पर 5-5 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से यूईआरसी और संबंधित कंज्यूमर्स को कंपनसेशन देने का नियम है, लेकिन निगम नियम का पालन नहीं कर रहा है, जिससे निगम पर पैनल्टी की राशि बढ़ती जा रही है।नियम लागू पर मुआवजा नहीं 15 दिन में कनेक्शन न देने पर कंज्यूमर ऑटोमेटिक मुआवजे का हकदार है। यह नियम वहीं लागू होगा जहां बिजली की नई लाइन नहीं बनाई जानी है। एचटी कनेक्शन के मामले में देरी से कनेक्शन जारी करने पर जुर्माना 500 रुपए प्रतिदिन के लेकर अधिकतम 1 लाख रुपए तक है। मुआवजे का नियम लागू है, लेकिन अभी तक कंज्यूमर्स को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यूईआरसी में करें कंप्लेंट दर्ज


यूईआरसी के अधिकारियों ने बताया कि कंपनसेशन की कार्रवाई तभी होगी, जब कंज्यूमर्स की ओर से आवेदन किया जाएगा। कंपनसेशन राशि कैश नहीं मिलेगी, यह उपभोक्ता के बिल में एडजस्ट होगी। इसलिए उपभोक्ता समय पर सर्विस प्रोवाइड न होने पर कंपनसेशन के लिए यूईआरसी में अवश्य आवेदन करें। इन सर्विस पर पैनल्टी - नया बिजली कनेक्शन - बिजली लोड बढ़ाने - चेक मीटर लगाने - पोल बदलने - ट्रांसफार्मर बदलने - लंबा पावर कट - हर माह बिल न देने - बिजली बिल की गड़बड़ीकंप्लेन पर एक नजर - 1912 है टोल फ्री कंप्लेन नंबर 30लाख के लगभग है राज्य में टोटल कंज्यूमर 800 कंप्लेन औसतन हो रही डेली दर्ज- 500कंप्लेन का हो रहा निस्तारण पैनल्टी पर एक नजर 19.93 करोड़ पैनल्टी लग चुकी मार्च 2019 तक 1.01 करोड़ किए गए जमा 18.82करोड़ है वर्तमान में पैनल्टी का बकाया 1.52 करोड़ अप्रैल 2019 से लेकर फरवरी 2020 तक 2020मार्च से 21 अगस्त 2021 तक दिया कोविड के कारण रिलेक्सेशन1.24 करोड़ सितंबर 2021 से मार्च 2022 तक 2.86 करोड़ अप्रैल 2022 से लेकर मार्च 2023 तक लगी पैनल्टी4.37 करोड़ अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक लगी पैनल्टी 22.00लाख भुगतान की गई अप्रैल 2024 की पैनल्टी3.00

करोड़ किया गया अब तक पैनल्टी का भुगतान
कंज्यूमर्स को लगाने पड़ते चक्कर ऊर्जा निगम काम में लगातार लापरवाही बरत रहा है। निर्धारित समय पर कंज्यूमर्स को सुविधाएं प्रोवाइड नहीं की जाती है, जिससे लोगों को निगम कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। नितिन पांडेनिगम मीटर लगाने के लिए पोल से खीची जाने वाली केबल तक नहीं देता है। जबकि हर साल करोड़ों रुपए की केबल खरीद की जाती है। पब्लिक का पैसा पब्लिक पर खर्च नहीं किया जाता है, तो कहां खर्च होता है।रोहित कुमारनया मीटर तो छोडि़ए कई बार मीटर खराब होने पर हफ्ते-हफ्ते तक नहीं बदला जाता है। बिजली बिल जमा करने के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद भी बिल में महीनों तक आता रहता है। नईम खानशिकायतों का संज्ञान समय पर नहीं लिया जाता। इसके लिए निगम कार्यालयों के कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। पोल के पैसे जमा करने के बाद छह-छह महीने तक पोल नहीं लगाए जाते हैं। मुकेश नेगी पैनल्टी देने के बजाय निगम माफ करने की गुहार लगा रहा है। इस मामले में निगम की ओर से दायर रिब्यू पिटिशन पर सुनवाई पूरी हो गई है। फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया गया है अध्ययन के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।एमएल प्रसाद, चेयरमैन, यूईआरसी

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Posted By: Inextlive