राघव विहार स्मिथनगर में पानी के ओवर हेड टैंक का वॉल्व खराब होने से तमाम खामियां उजागर हुई. एक तो पब्लिक को पीने का पानी नहीं मिल रहा है.

-वॉल्व खराब होने से राघव विहार में सड़कों पर बर्बाद हुआ लाखों लीटर पानी
-सिंगल वॉल्व होने से ओवर हेड टैंक के डिजाइन पर खड़ हो रहे सवाल

देहरादून (ब्यूरो): दूसरी ओर ओवर हेड टैंक में वॉल्व रिपेयरिंग के दौरान टैंक में भरा लाखों लीटर पानी सड़कों पर बर्बाद हो गया। इस घटना के बाद ओवर हेड टैंकों के मेंटेनेंस और सुरक्षा के साथ ही मानकों में खामियां को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इंजीनियरों का कहना है कि यदि टैंक में दो वॉल्व होते तो शायद इस तरह लाखों लीटर पानी सड़क पर बर्बाद न होता। इस घटना के बाद सिंगल वॉल्व के मानक में बदलाव की बात सामने आ रही है।

बिना बारिश के सड़क हुई लबालब
राघव विहार में ट्यूजडे की रात्रि को पानी की आपूर्ति से पहले ट्यूबवैल से ओवर हेड टैंक को भरा गया, वेडनेसडे मार्निंग को टैंक से आपूर्ति चालू करनी चाही गई, तो वॉल्व खुला ही नहीं। काफी प्रयासों के बाद भी वॉल्व नहीं खुला। वेडनेसडे को वॉल्व मैंटेनेंस के लिए पानी से भरे पूरे टैंक को खाली किया गया। इस दौरान पानी फव्वारा बनकर सड़क पर बह गया, जिससे सड़क पर बिन बारिश के नदी बहने लगी।

वॉल्व डैमेज, मेंटेनेंस पर सवाल
राघव विहार क्षेत्र वल्र्ड बैंक पोषित मेहूंवाला कलस्टर पेयजल योजना के अंतर्गत आता है। ये क्षेत्र पहले जल संस्थान के पास था, लेकिन योजना के तहत पिछले करीब तीन साल से पेयजल निगम वाटर सप्लाई कर रहा है। जिस ओवर हेड टैंक में वॉल्व खराब हुआ वह टैंक पुराना है, लेकिन घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले टैक का वॉल्व छह माह पूर्व मेंटेनेंस हुआ, तो इतनी जल्दी कैसे वॉल्व खराब खराब हो गया।

टैंक खाली न करते तो टूटती दीवार
यूं तो टैंकों के वॉल्व बहुत कम खराब होते हैं, लेकिन विकल्प के तौर पर डबल वॉल्व होने चाहिए, ताकि ऐसी परिस्थिति को आसानी से निपटा जा सके। 24 घंटे पानी भरने से टैंक की दीवार टूटने का भी खतरा रहता है। बताया गया कि पाइप सीधा होने से टैंक के सप्लाई पाइप से हाउस पाइप को भी नहीं जोड़ा जा सका, जिससे पानी को खुले में छोड़ दिया गया।

दून में 200 टैंकों में सिंगल वॉल्व
राजधानी में समय-समय पर ओवरहेड टैंकों के मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कभी टैंकों की सफाई न होने, तो कभी ट्यूबवैलों के बार-बार खराब होने। इससे पब्लिक को सफर करना पड़ रहा है। दून के करीब 200 टैंक हैं, जहां सिंगल वॉल्व हैं। किसी भी टैंक में यह घटना घट सकती है। विभागीय लापरवाही के चलते इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं। खुद अधिकारी भी मानते हैं कि दो-दो वॉल्व होनी चाहिए। इसके लिए डिजाइन में बदलाव की जरूरत बताई जा रही है।

प्रभावित क्षेत्र में पानी की आपूर्ति टैंक के ओवरफ्लो से जोड़कर की गई है। सिंगल वॉल्व से यह परेशानी है। थर्सडे तक वॉल्व रिपेयर करके नियमित आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
मुज्जमिल हसन, अधिशासी अभियंता, वल्र्ड बैंक यूनिट, देहरादून
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Posted By: Inextlive