राज्यभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है. खासकर मैदानी इलाकों में लू के थपेड़ों ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई वर्षों बाद जून में दून के मैक्सीमम टेंपरेचर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

देहरादून (ब्यूरो): राज्यभर में भीषण गर्मी का कहर जारी है। खासकर मैदानी इलाकों में लू के थपेड़ों ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई वर्षों बाद जून में दून के मैक्सीमम टेंपरेचर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गत मंगलवार को दून का अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि 122 वर्ष में सर्वाधिक है। वर्ष 2022 में जून में पारा 41.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। जबकि, ऑल टाइम रिकार्ड वर्ष 1902 में 43.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। इधर, बुधवार को भी दून का तापमान सामान्य से छह अधिक 41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

लू के थपेड़ों ने किया परेशान
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो से तीन दिन दून समेत अन्य मैदानी क्षेत्रों में पारे में और इजाफा होने की संभावना जताई गई है। बुधवार को भी सुबह नौ बजे पारा 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। दोपहर 12 बजे दून का पारा 39.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। हालांकि, बीते मंगलवार की तुलना में अधिकतम पारे में हल्की कमी आंकी गई। लेकिन, दोपहर को चिलचिलाती गर्मी असहनीय है।

लू चलने की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम ङ्क्षसह के अनुसार प्रदेशभर में फिलहाल मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है्र। पर्वतीय जिलों में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ में ऊंचाई वाले स्थानों पर कहीं-कही हल्की वर्षा हो सकती है। आसपास के निचले इलाकों में 30 से 35 किमी प्रतिघंटे झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। मैदानी क्षेत्रों में लू चलने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
लू से बचने के लिए प्रशासन के प्रयास
देहरादून, डीएम सोनिका के निर्देशों के क्रम में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकारण दून की ओर से जिले में लू से बचाव के लिए अवेयरनेस पोस्टर व स्टीकर चस्पा किए जा रहे हैं। ये पोस्टर व स्टीकर सार्वजनिक स्थानों के साथ कचहरी कैंपस, रेलवे स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, बस अड्डे आदि पर इलाकों में चस्पा किए जा रहे हैं। डीएम ने अपील की है कि लू से बचने के लिए सावधानियां बरती जाए। खासकर दोपहर में 12 से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें। लू से प्रभावित होने की स्थिति में तत्काल जीवन रक्षक घोल का सेवन करें और डॉक्टर की मदद लें। बच्चों व पालतू जानवरों को वाहन में न छोड़ें। अपील में कहा गया है कि घर से निकलते वक्त इमरजेंसी किट पानी की बोतल, छाता, टोपी, सिर ढकने का कपड़ा, छोटा तौलिया, हाथ से चलने वाला पंखा, ग्लूकोज या जीवन रक्षक घोल आवश्य साथ रखें।

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Posted By: Inextlive