पुलिया निर्माण में मानकों की धज्जियां
- सिंचाई विभाग बना रहा रायपुर रोड पर डोभालवाला चौक के पास पुलिया
देहरादून, ब्यूरो: क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पुलिया के निर्माण में निम्न गुणवत्ता की ग्रेड की कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है। गिट्टी भी मानकों के अनुरूप नहीं बिछाई जा रही है। घटिया सामग्री के इस्तेमाल के चलते पुलिया की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिया का स्लैब सड़क से 15 फुट नीचे
नाले से सड़क की ऊंचाई करीब 25 फुट के आस-पास है। लेकिन पुलिया का स्लैब 8 फुट पर डाला गया है। स्लैब के बाद सड़क की ऊंचाई 15 फुट से अधिक है। विभाग स्लैब के ऊपर 15 फुट तक भरान कर रहा है। ऐसे में स्लैब के इतने बड़े भरान को झेलना मुश्किल है। निर्माण स्थल पर कार्य करा रहे कंपनी के सुपरवाईर ने बताया कि विभाग का जो डिजाइन है उसी के अनुरूप काम कराया जा रहा है।
पुलिया का कोना छोडऩे पर भी उठ रहे सवाल
सिंचाई विभाग नदी-नालों की चौड़ाई खुद ही कम करने पर आमादा है। एक तरफ से पुलिया का बड़ा हिस्सा छोड़कर बाकी पर स्लैब डाला गया है। इससे किनारे की जगह के अतिक्रमण होने की आशंका है। सवाल यह है कि नाले के स्लैब को बीच के बजाय कोने तक क्यों नहीं डाला गया। इसको लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं।
पुल पर चल रहे निर्माण को लेकर कार्य करने वाली कंपनी का कहीं कोई नाम नहीं है और नहीं कोई नंबर ही डिस्पले किया गया है। योजना की लागत और लंबाई-चौड़ाई के साथ ही कार्य प्रारंभ और पूर्ण करने का भी जिक्र नहीं है। जिससे क्षेत्रवासियों को पुलिया निर्माण से हो रही दिक्कत के लिए संपर्क के लिए भटकना पड़ रहा है। पुलिया के कोने पर एक छोटा बोर्ड जरूर खड़ा किया है, जहां किसी की नजर बमुश्किल ही जा पा रही है। इस बोर्ड पर लिखा है अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजना खंड, सिंचाई विभाग, देहरादून। ये दफ्तर देहरादून के किस कोने पर है ये कहीं नहीं लिखा है, संपर्क के लिए कोई फोन नंबर भी नहीं लिखा गया है।
एप्रोच रोड पर दबक से लग रहा जाम
पुलिया की एप्रोच रोड पर बड़ी-बड़ी दबक से वाहन धीरे-धीरे चल रहे हैं, जिससे पुलिया के दोनों तरफ जाम लग रहा है। पुलिया के आस-पास मटेरियल बिखरा पड़ा है, बीच में नहर गुजर रही है। दूसरी तरफ फिर पुलिय का हिस्सा है, जिस पर भरान का काम चल रहा है। पुलिया के एक तरफ चौड़ाई कम होने से वाहन जाम में फंस रहे हैं।
निर्माण कार्य में गुणवत्ता सबसे ऊपर है। पुलिया निर्माण को लेकर एक्सईएन से जवाब मांगा जा रहा है, इसमें यदि किसी तरह की लापरवाही और अनियमितता पाई गई, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुकेश मोहन, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष, सिंचाई विभाग, उत्तराखंड